ग्वालियर। लॉकडाउन के चलते दूसरे शहरों से आए प्रवासी मजदूरों का नगर निगम ने पंजीयन के लिए आवेदन मांगे थे। आवेदन की आखिरी तारीख 3 जून थी लेकिन अधिक संख्या में आवेदन आने के कारण दो दिन बाद भी नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी इनकी स्कू्रटनी नहीं कर पाए है। शासन ने ऐसे मजदूर जो कि शहर के हैं और दूसरे शहरो में मजदूरी कर रहे थे लेकिन लॉकडाउन के चलते वापस उन्हें शहर में आना पडा है। इन लोगों का पंजीयन कराने के निर्देश दिए थे। 27 मई से 3 जून तक नगर निगम के जनमित्र केन्द्रों के माध्यम से इनका पंजीयन किया जाना था।
सिर्फ प्रवासी मजदूरों का ही पंजीयन
प्रवासी मजदूरों की श्रेणी में ऐसे लोग आते हैं कि जो कि शहर से बाहर मजदूरी कर रहे थे और लॉकडाउन में वापस लौट आए है। योजना के तहत इनका पंजीयन किया जाना है, पंजीयन के बाद तीन महीने तक शासन द्वारा मुफ्त राशन दिया जाना है। ऐसे में प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों के लिए एक शर्त रखी कि जो लोग बाहर से आए उन्हें यह दिखाना होगा कि वह बाहर मजदूरी कर रहे थे। इसमें जो लोग श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बस से आए हैं उनकी सूची तो प्रशासन के पास है वहां से इनका वेरिफिकेशन हो जाएगा लेकिन जो लोग पैदल आए थे उनके लिए मुश्किल होगी। इसके लिए नगर निगम ने कहा है कि कोई भी ऐसा दस्तावेज दिखाएं जिससे कि यह पता लग सके कि वह दूसरे शहर में श्रमिक का कार्य कर रहे थे।
जोन कार्यालय भेजे आवेदन
प्रवासी मजदूरों के पंजीयन के लिए बडी संख्या में आवेदन आए। यह आंकडा 5 हजार से भी अधिक पहंच गया। आवेदन जब एकत्रित होकर बाल भवन पहुंचे तो इनकी स्क्रूटनी करना मुश्किल हो गया। इस पर इन सभी को 25 जोन में डिवाइड कर भेज दिए गए। अब इनकी स्क्रूटनी जोन कार्यालयों पर की जा रही है। स्क्रूटनी के बाद ही इनका पंजीयन किया जाएगा और मजदूरों को शासन द्वारा जो घोषणाएं की गईं वह सुविधाएं दी जाएंगी।
प्रवासी मजदूरों के पंजीयन के लिए 5 हजार से अधिक आवेदन हैं। इन सभी की स्क्रूटनी के लिए जोन कार्यालयों को आवेदन भेज दिए गए हैं। स्क्रूटनी के बाद ही पंजीयन किया जाएगा।
डॉ अतिबल सिंह यादव, उपायुक्त नगर निगम
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2Y6ilQ9
No comments:
Post a Comment