केप टाउन। अपनी खोजी पत्रकारिता के लिए मशहूर भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी पत्रकार फारूक खान का कैंसर से निधन हो गया। वह अपने गृहनगर डबरन में थे। 77 साल के खान ने गुरुवार को अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को हुआ। उन्होंने छह दशक तक पत्रकारिता में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। वह बीते तीन सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे।
उन्होंने विभिन्न मीडिया संस्थानों में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता की और रंगभेद जैसे गंभीर मुद्दों को उठाया। इसके लिए उन्हें वहां की सरकार की नाराजगी भी झेलनी पड़ेगी। उन्हें अपराध जगत से मौत की धमकियां भी मिलीं जिसे उन्होंने अपने पत्रकारिता से बेनकाब किया था। उनके पूर्वज महाराष्ट्र से थे।
खान ने मिस इंडिया वर्ल्डवाइड पीजेंट के तहत मिस इंडिया साउथ अफ्रीका भी शुरू किया। इससे प्रवासी भारतीय समुदाय की सैंकड़ों युवतियों को पहचान मिली। इस तरह से महिलाओं को करियर के लिए एक नया मंच मिला। दक्षिण अफ्रीका में रूढ़िवादी
सोच को तोड़कर खाने ने सैंकड़ो लड़कियों और महिलाओं को इस प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए मार्गदर्शन किया।
इस तरह के कार्यक्रम उन्होंने ही शुरू ही किए थे। इस संगठन के संस्थापक धर्मात्मा सरन ने कहा कि फारूक भाई 29 सालों से हमसे जुड़े थे। वह दक्षिण अफ्रीका में चार बार अंतरराष्ट्रीय मिस इंडिया वर्ल्डवाइड की मेजबानी कर चुके हैं। उसकी 30वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 2021 में फिर उसकी मेजबानी की पेशकश कर परिवार का हिस्सा बन गए थे।
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