यमन में सैन्य भागीदारी खत्म करने पर अमरीकी संसद की मुहर, सऊदी गठबंधन को बड़ा झटका - Silver Screen

यमन में सैन्य भागीदारी खत्म करने पर अमरीकी संसद की मुहर, सऊदी गठबंधन को बड़ा झटका

Share This

वाशिंगटन। अमरीकी सदन ने बुधवार को यमन में संचालित सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए सैन्य समर्थन को समाप्त करने के लिए एक प्रस्ताव पारित कर दिया। 230 डेमोक्रेटस और 18 रिपब्लिकंस द्वारा समर्थित इस विल के पास के बाद अब यमन में अमरीकी सेना के हस्तक्षेप पर रोक लग जाएगी। इस कानून का पारित होना अमरीकी सदन के भीतर राष्ट्रपति डोन्लड ट्रम्प के लिए एक बड़ा झटका मना जा रहा है। रिपब्लिकन नेताओं ने पिछले साल इस बिल को हाउस में नहीं लाने दिया था।

यमन में अमरीकी सेना की भागीदारी होगी खत्म

सदन ने बुधवार को यमन संबंधी विधेयक को आसानी से पारित कर दिया। इसके बाद अब यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन से अमरीकी सैन्य समर्थन वापस लेने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप बाध्य होंगे। यह विधेयक 177 के मुकाबले 248 वोटों से पारित हुआ। सदन ने युद्ध शक्तियों के प्रस्ताव को सीनेट के पास भेज दिया है। उम्मीद है कि यह विधेयक वहां भी पारित हो जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो ट्रंप के बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। मना जा रहा है कि कोई चारा न देख राष्ट्रपति ट्रंप अपने पहले वीटो अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।

Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर.

सऊदी गठबंधन को बड़ा झटका

सदन ने जो प्रस्ताव पारित किया है, वह राष्ट्रपति को 30 दिनों के भीतर यमन से अमरीकी सैन्य बलों को वापस लेने का निर्देश देगा। संयुक्त राज्य अमरीका ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों से लड़ने वाले सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन को रसद, खुफिया तंत्र और हथियारों से सहायता करता रहा है। आपको बता दें कि इससे पहले अमरीकी सेना ने गठबंधन जेट विमानों को हवाई ईंधन भरने की सुविधा भी प्रदान की थी, लेकिन प्रशासन ने नवंबर में यह फैसला निलंबित कर दिया था। यह महत्वपूर्ण है कि अमरीकी सदन का यह फैसला तब आया है जब पिछले साल जमाल खशोगी की हत्या को लेकर सऊदी अरब के प्रति कांग्रेस सदस्यों का गुस्सा फूट रहा है। बता दें कि संयुक्त राज्य अमरीका सऊदी बलों का समर्थन करने वाले कई देशों में से एक है। चार साल में जब से संयुक्त राज्य अमरीका, सऊदी गठबंधन में शामिल हुआ है, गृह युद्ध को हल करने की दिशा में बहुत कम प्रगति हुई है। अमरीका पर आरोप है कि वहां पहले से मानवीय स्थिति और भी खराब हो गई है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2SytngT

No comments: