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काबुल। अफगानिस्तान के स्वतंत्र निर्वाचन शिकायत आयोग(आईईसीसी) ने गुरुवार को संसदीय चुनाव के दौरान दिए गए सभी मतों को निरस्त कर दिया है। ये चुनाव 20 अक्टूबर को कराए गए थे। आईईसीसी ने यह निर्णय बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद लिया है।

चुनावी धांधली, फर्जीवाड़े, चुनावी अपराध और उल्लंघन के कारण लिया गया फैसला

आईईसीसी के सचिव व प्रवक्ता अलिरेजा रूहानी ने गुरुवार को पत्रकारों से इस बार में बताते हुए कहा, 'काबुल प्रांत में चुनावी कानून के दिशा-निर्देशों के आधार पर 20-21 अक्टूबर को दिए गए मतों को निरस्त कर दिया गया है।' समाचार एजेंसी रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवक्ता ने कहा, 'काबुल में चुनाव आयोग द्वारा चुनावी धांधली, फर्जीवाड़े, चुनावी अपराध और उल्लंघन के संबंध में 2,767 मामले दर्ज किए गए।' उन्होंने कहा कि इन दावों के समर्थन में हमारे पास दस्तावेज और सबूत हैं, जिसने 'प्रक्रिया की पारदर्शिता को क्षति पहुंचाई'।

प्रांत में दोबारा कराए जाएंगे चुनाव

रूहानी ने इसके साथ ही कहा कि फर्जीवाड़ा करने के इरादे से 73 मतदान केंद्रों को एक जगह से दूसरे जगह ले जाया गया। आईईसीसी के अध्यक्ष अब्दुल अजीजी अरिआये ने कहा, 'सभी शिकायतों की एक-एक कर जांच के बाद निर्णय लिया गया और आयोग ने प्रक्रिया में उत्पन्न चुनौतियों को अच्छे तरीके से मूल्यांकन किया।' उन्होंने कहा कि काबुल में सभी मतों को निरस्त कर दिया गया है और प्रांत में दोबारा चुनाव कराए जाएंगे।

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249 सीटों के लिए 2500 उम्मीदवारों ने लड़ा था चुनाव

गौरतलब है कि अफगानिस्तान संसद के निचले सदन(वोलेसी जिरगा) के लिए चुनाव अक्टूबर में हुए थे, जिसमें 249 सीटों के लिए 2500 उम्मीदवार मैदान में थे। काबुल के नतीजों को एक दिसंबर में घोषित किया जाना था लेकिन आईईसीसी द्वारा मतों को निरस्त किए जाने से पहले तकनीकी कठिनाईयों और पुनर्गणना की वजह से इसमें एक सप्ताह की देरी हुई।



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