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मनीला। फिलीपींस के चर्चित हत्याकांड में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। वहां एक किशोर की हत्या के मामले में तीन पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। खास बात ये है कि वहां के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते द्वारा 'मादक पदार्थ के खिलाफ युद्ध' शुरू करने के बाद सुरक्षाकर्मियों को अपराधी ठहराने का यह पहला मामला सामने आया है।

अगस्त 2017 के मामले में सुनाई गई सजा

इस संबंध में समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कैलुकेन क्षेत्रीय ट्रायल कोर्ट ने तीन पुलिस अधिकारियों जिनका नाम आर्नल ओआरेस, जेरेमियास पेरेडा और जेरविन क्रूज को अगस्त 2017 के इस मामले में सजा सुनाई है। इन तीनों ने मनीला के बाहर एक 17 वर्षीय किशोर कियान डेलोस सैंटोस की एक मादक पदार्थ रोधी अभियान में हत्या की थी। अब कोर्ट ने इन्हें बिना पैरोल के 40 साल तक जेल में रहने की सजा सुनाई है और उन्हें 345,000 पेसो (करीब 45 लाख रुपए) मुआवजे के तौर पर देने का भी आदेश दिया है।

किशोर पर लगाया था तस्कर का आरोप

हालांकि, अधिकारियों को सबूत के साथ छेड़छाड़ करने का दोषी नहीं पाया गया। बताया जा रहा है कि जांच के दौरान सैंटोस के शव के बगल में 'शाबू' (एक सस्ता और बड़ी मात्रा में इस्तेमाल होने वाला मादक पदार्थ) के दो सैशे और एक बंदूक पाई गई थी। अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि सैंटोस एक मादक पदार्थ तस्कर था लेकिन किशोर के परिवार ने इस आरोप को साफ तौर पर नकार दिया। उन्होंने कहा कि उनके बेटे पर आरोप साबित करने का कोई सबूत नहीं है।

मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष का बयान

फिलीपींस के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष चिटो गैसकोन ने इस संबंध में एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, 'हम कियान के हत्यारों को ट्रायल कोर्ट द्वारा अपराधी ठहराए जाने के फैसले का स्वागत करते हैं। साथ ही इस मामले में न्याय दिलाने में मदद करने वाले सभी लोगों का शुक्रिया अदा करते हैं। खासकर साहसी प्रत्यक्षदर्शियों, चर्च के कर्मचारियों, मानव अधिकार रक्षकों, जांचकर्ताओं और अभियोजकों का..को शुक्रिया जिन्होंने अपना कर्तव्य निभाया।'



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