लाहौर। पाई-पाई के मोहताज पाकिस्तान को आईएमएफ ने कर्ज देने से इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ दुनिया के ऐसे मुल्कों की मदद करती है,जिनकी माली हालत खस्ता होती है। लिहाजा,पाकिस्तान ने आईएमएफ से गुहार लगाई थी। अपनी गरीबी का दुखड़ा रोया। उसने 12 अरब डॉलर की मदद मांगी। मगर बाकी दुनिया की तरह आईएमएफ ने भी पाकिस्तान पर भरोसा नहीं जताया है। इस पर पाकिस्तान ने आईएमएफ से आधी रकम यानी छह अरब डॉलर ही देने की गुजारिश की,लेकिन आईएमएफ इस पर भी राजी नहीं हुआ।
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30 हजार डॉलर का कर्ज
पाकिस्तान पर 30 हज़ार अरब का कर्ज़ है। मुल्क की 60 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जी रही है। हर पाकिस्तानी करीब डेढ़ लाख रुपये का कर्ज़दार है। महंगाई से वहां की अवाम त्रस्त है। 95 फीसदी युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं। 2025 तक पाकिस्तान में पानी ख़त्म हो जाएगा। पाकिस्तान के पास सिर्फ 10 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है।
45 हज़ार अरब रुपये की उम्मीद आईएमएफ से लगाई थी
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को उम्मीद थी कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से कुछ राहत मिलेगी। मगर,अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी की तरह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को भी पाकिस्तान पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। पाक ने आठ अरब डॉलर यानी करीब 45 हज़ार अरब रुपये की उम्मीद आईएमएफ से लगाई थी। अब वो चूर हो गई। पाकिस्तान ने आईएमएफ को बेल आउट पैकेज के लिए जो रिक्वेस्ट भेजी थी आईएमएफ उसे संजीदगी से नहीं ले रहा है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की आर्थिक नीतियों के के कारण आईएमएफ ने अपने हाथ खींच लिए हैं।
12 बार ले चुका बेल आउट पैकेज
पाक में टैक्स कलेक्शन के मौजूदा हालात बहुत ही खराब है। दूसरी तरफ पाकिस्तान का निर्यात मंदा पड़ा हुआ है। हालांकि चीन और सऊदी अरब ने 6-6 अरब डॉलर की वित्तीय मदद का भरोसा दिलाया है। लेकिन अर्थशास्त्री मानते हैं कि ये भी माकूल नहीं होगा। ये पहली बार नहीं है जब पाक में ऐसे हालात बने हों। पाकिस्तान के 70 साल के इतिहास में ऐसे आर्थिक संकट उसपर कई बार आ चुके हैं और 1980 से लेकर अब तक पाकिस्तान आईएमएफ से 12 बार बेल आउट पैकेज ले चुका है।
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