NEWS - Silver Screen

लाहौर। ईशनिंदा के मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने ईसाई महिला आसिया बीबी को बड़ी राहत दी है। उन्हें मिली मौत की सजा को स्थगित कर दिया गया है। इसे लेकर पूरे पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। जगह-जगह आगजनी और नारे लगाए जा रहे हैं। अदालत के फ़ैसले के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में धारा-144 लागू कर दी गई है।

मस्जिदों से किया ऐलान, लोग अपने घरों से निकलें

पुलिस की गाड़ियों से ये ऐलान किया जा रहा है कि पाँच से ज़्यादा लोग एक साथ खड़े दिखाई न दें। प्रदर्शनकारियों ने फ़ैज़ाबाद और इस्लामाबाद को जोड़ने वाले हाइवे को बंद कर दिया है। अलग-अलग मस्जिदों से ऐलान किया जा रहा कि लोग सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपने घरों से निकलें और इस फ़ैसले का खुलकर विरोध करें। शहर के कई इलाक़ों में डंडा लिए लोग सड़कों पर निकल आये हैं। लोगों ने शहर में कई जगहों पर ट्रैफ़िक जाम कर दिया है। कुछ मानवाधिकार संगठनों ने पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया है कि आसिया बीबी के परिवार और उनके वकील की सुरक्षा का बंदोबस्त किया जाये।

क्या है मामला

ईशनिंदा के मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने ईसाई महिला आसिया बीबी को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए आसिया बीबी की सजा पर रोक लगा दी है। दरअसल इस मामले में ईशनिंदा के आरोप में आसिया बीबी को नवंबर 2010 में मौत की सजा सुनाई गई थी। लाहौर की हाईकोर्ट ने 2012 में इस फैसले पर सहमति जताई थी, जिसके बाद आसिया बीबी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं।

2009 में ईशनिंदा का इलजाम लगा

लाहौर के निकट शेखपुरा जिले के ननकाना कस्बे में रहने वाली आसिया बीबी पर साल 2009 में ईशनिंदा का इलजाम लगा। घटना के मुताबिक आसिया बीबी खेत में मजदूरी कर रही थीं। उस वक्त गांव के एक बुज़ुर्ग की पत्नी ने उनसे पीने के लिए पानी भरने को कहा. बताया जाता है कि वहीं मजदूरी कर रही दूसरी मुस्लिम महिलाओं ने एक गैर-मुस्लिम, आसिया बीबी द्वारा लाए पानी को ‘अशुद्ध’ कह कर पीने से इनकार कर दिया। आसिया बीबी का अपराध यह था कि उन्होंने इस भेदभाव पर सवाल कर दिया कि ‘क्या हम इंसान नहीं हैं?’आसिया बीबी के सवाल ने बहस की शक्ल अख्तियार कर ली। गांव की नाराज महिलाओं ने स्थानीय मौलवी कारी सलीम से इस विवाद की शिकायत की और आसिया बीबी पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप मढ़ दिया।

क्या है कानून

पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून में इबादतगाहों को अपवित्र करने,मजहबी भावनाएं भड़काने, पैगंबर हजरत मोहम्मद की आलोचना और कुरान शरीफ को नुकसान पहुंचाने जैसे अपराधों के लिए सजा का प्रावधान है। इस कानून में कुरान को क्षति पहुंचाने वाले के लिए उम्रकैद, जबकि पैगंबर की निंदा करने वाले के लिए मौत की सजा का प्रावधान है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2yGIR6M

No comments: