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रोहिंग्या शरणार्थियों की मुश्किलों को हल करने के लिए बांग्लादेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। खबर के अनुसार- अगले महीने से एक लाख रोहिंग्या शरणार्थियों को दूर-दराज स्थित एक द्वीप पर भेजने की योजना बनाई जा रही है। इस योजना को अगले महीने से अमल में लाया जा सकता है। एक मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। साथ ही यह चेतावनी भी दी गई कि द्वीप को खराब मौसम का सामना करना पड़ सकता है।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- इस द्वीप पर विस्थापित मुसलमानों के लिए नवस्थापित आश्रय केंद्र बनाए गए हैं। जिन्हें प्रधानमंत्री शेख हसीना 3 अक्तूबर को आधिकारिक रूप से खोलने वाली हैं। रिपोर्ट के अनुसार- यह द्वीप बंगाल की खाड़ी में स्थित है। बता दें, अधिकारियों ने पहले कहा था कि वे लोग मॉनसून शुरू होने से पहले म्यामां की सीमा के पास स्थित द्वीप पर जून से शरणार्थियों को भेजना चाहते हैं।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि नौसेना ने एक लाख शरणार्थियों के लिए आश्रय केंद्र बनवाए हैं। परियोजना का करीब तीन चौथाई हिस्सा पूरा हो चुका है। अधिकारी हबीबुल कबीर चौधरी के अनुसार- पहले चरण के तहत शुरुआत में 50 से 60 रोहिंग्या परिवारों को अगले महीने से वहां पहुंचाया जाएगा।

भारत ने भेजा केरोसिन तेल

बता दें, म्यांमार छोड़कर बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के लिए भारत की ओर बांग्लादेश को 11 लाख लीटर से अधिक केरोसिन तेल तथा राहत सामग्री भेजी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार से बड़ी संख्या में रोहिंग्याओं के आ जाने से बांग्लादेश मुश्किल स्थिति में फंस गया है। इससे निकलने के लिए वहां की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाते हुए म्यामां पर समाधान के लिए दबाव बनाने को कहा है। पिछले साल अगस्त से 7,00,000 रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार के रखाइन प्रांत से भागकर बांग्लादेश चले गए थे।



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