संयुक्त राष्ट्र में चल रही सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने अफगानिस्तान पर हो रही चर्चा के दौरान कहा कि अफगानिस्तान के साथ लगती जगहों में कई साल से लश्कर और तालिबान जैसे आतंकी संगठन पनाह लिए हुए हैं। यहां सुनियोजित तरीके से ऐसे संगठनों को पनाह दी जाती है। साथ ही उन्होंने नशीले पदार्थों के गैरकानूनी कारोबार पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि इसके जरिए आतंकी संगठनों तक धन पहुंचता है, जिसे वे अपने मंसूबों को अमल में लाते हैं।
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बैठक में अपना पक्ष रखते हुए अकबरूद्दीन ने कहा कि तालिबान ने अभी अपने सहयोगियों की मदद से हिंसात्मक और विध्वंसक अभियान जारी रखा हुआ है। गजनी और अफगानिस्तान के कई हिस्सों पर हुए हमले इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।
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पाकिस्तान पर अप्रोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आक्रमण करने वाले और इसक योजनाएं बनाने वाले आतंकी अफगानिस्तान के पड़ोस में सुरक्षित पनाहगाहों में पल रहे हैं। यहां वर्षों तक तालिबान, अल कायदा, हक्कानी नेटवर्क, दाएश, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी नेटवर्क्स को शरण दी जाती रही है और उन्हें अपने मंसूबों को अमली जामा पहनाने का मौका दिया जाता है।
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अकबरूद्दीन ने कहा कि ऐसे आतंकी संगठनों के एजेंडों को पूरा करने के लिए पैसे की उगाही और टेक्स के जरिए तो पैसा मिलता ही है, साथ ही नशीली वस्तुओं का कारोबार करने वाले और अफगानिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को लूटने वाले आपराधिक संगठनों से भी इन्हें लाभ मिलता है। बता दें, भारत पहले भी संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को आतंक के मुद्दे पर घेर चुका है।
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