वॉशिंगटन। चीन (China) अब अपने हैकरों के जरिए कोरोना वायरस (Coronavirus) वैक्सीन से संबंधित शोध की जानकारी चुराने में लगा हुआ है। ऐसे आरोप अमरीकी एजेंसी फेडरल ब्यूरों ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) और साइबर सिक्यूरिटी विशेषज्ञों ने लगाए हैं। अमरीकी मीडिया के मुताबिक एफबीआई और होमलैंउ सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने चीन के हैकरों के लिए चेतावनी देने का फैसला किया है।
कोरोना इलाज की जानकारी पर नजर
अमरीकी अधिकारियों का आरोप है कि हैकर कोविड-19 मरीजों के इलाज और टेस्ट से संबंधित सूचना और इंटेलेक्चुअल प्रॉपटी को भी निशाना बना रहे हैं। उनका आरोप है कि ये हैकर्स चीनी सरकार से जुड़े हुए हैं। अधिकारिक चेतावनी कुछ दिनों के भीतर जारी कर दी जाएगी। चेतावनी इसलिए जारी करने का फैसला किया गया है क्योंकि देश की निजी कंपनियां महामारी से जुड़ी वैक्सीन को बनाने में जुटी हुई हैं। इसके अलावा अमरीकी अधिकारी ईरान, उत्तर कोरिया, रूस और चीन के हैकरों को लेकर आगाह करेंगे।
चीन ने आरोपों का खंडन किया
हालांकि चीन ने आरोपों का खंडन किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाओ लिजियान के अनुसार वे साइबर अटैक के आरोपो को खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन कोविड-19 महामारी के इलाज और वैक्सीन शोध में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। बिना किसी सबूत के चीन पर आरोप लगाना अनैतिक है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसके साथ ही साइबर वॉरफेयर में शामिल अमरीकी एजेंसियां आधिकारिक रूप से साइबर अटैक के खिलाफ अभियान छेड़ सकती हैं। एजेंसियों में पेंटागन के साइबर कमांड और नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी भी शामिल है। बीते सप्ताह ही ब्रिटेन और अमरीका ने संयुक्त रूप से संदेश जारी कर चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ साइबर अटैक को लेकर आगाह किया था।
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