कोलंबो। श्रीलंका ( Sri Lanka ) में नई सरकार बनने के बाद राष्ट्रपति गौतबाया राजपक्षे ( President Gotabaya Rajapaksa ) पहली बार आधिकारिक तौर पर अपनी पहली विदेश यात्रा में भारत आए और दोनों देशों के बीच आपसी रिश्तों की अहमियत को जाहिर किया था।
अब भारत और श्रीलंका ( india srilanka relation ) के बीच रिश्तों की अहमियत कितनी ज्यादा है, इसका अंदाजा इस बात से लागाया जा सकता है कि श्रीलंका ने विदेशमंत्री भारत दौरे पर आ रहे हैं।
श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणावर्धने ( Dinesh Gunawardena ) पहली बार आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। वे 9 और 10 जनवरी को भारत दौरे पर होंगे। दिनेश गुणावर्धने के पास विदेश मंत्री के अलावा कौशल विकास, रोजगार और श्रम विभाग की भी जिम्मेदारी है।
नवंबर में भारत आए थे गौतबाया राजपक्षे
समाचार पत्र कोलंबो पेज के अनुसार, गुणवर्धने पत्रकार रह चुके हैं और राष्ट्रपति चुनाव के बाद नवंबर 2019 में पद संभालने के बाद अपने पहले आधिकारिक विदेश दौरे पर भारत आ रहे हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति गौतबाया राजपक्षे 16 नवंबर को चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर पहली बार आधिकारिक विदेश दौरे पर नवंबर के आखिर में तीन दिनों के भारत दौरे पर दिल्ली आए थे।
भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक, सामरिक और आर्थिक संबंध है। सदियों से दोनों देशों के बीच रिश्ते चले आ रहे हैं। लेकिन हाल कि दिनों में बदलते परिवेश और चीन की विस्तारवादी नीति के कारण श्रीलंका-भारत के रिश्तों में थोड़ी दूरियां बढ़ी है। लेकिन फिर भी दोनों के बीच मजबूत संबंध है।
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