सिडनी। ऑस्ट्रेलिया ( Australia ) के न्यू साउथ वेल्स ( New South Wales ) के जंगलों में लगी भीषण आग ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। इस आग के तांड़व में ऐसा कहर बरपाया है कि अब तक 50 करोड़ पशु-पक्षियों की मौत हो चुकी है या फिर गंभीर तौर पर उन्हें नुकसान पहुंचा है।
बीते चार महीनों से जारी इस आग को बुझाने के प्रयास लगाातर किए जा रहे हैं लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। लोगों को बचाने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ आग का प्रभाव बढ़ने के बाद राष्ट्रीय पशु कंगारू ( Kangaroo ) जान बचाने के लिए शहरों की ओर भाग रहे हैं।
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बताया जा रहा है कि इस अग्निकांड़ में सबसे बुरी तरह से कोआला ( Koala ) प्रभावित हुआ है। न्यू साउथ वेल्स के मध्य-उतरी इलाके में सबसे अधिक कोआला पाए जाते हैं। अब जंगलों में फैली आग की वजह से इनकी संख्या आधी के करीब रह गया है। बता दें कि कोआला जानवरों की एक प्रजाति है।
चार महीने पहले न्यू साउथ वेल्स के जंगलों में लगी थी आग
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स के जंगलों में चार महीने पहले आग लगी थी, जो अब तक लगातार धधकती जा रही है। इस आग की वजह से कई एकड़ में फैले जंगल जलकर राख हो चुके हैं।
आग में अब तक 200 से अधिक घर भी जलकर खाक हो गए हैं। आलम यह है कि आग का प्रभाव सबसे समृद्ध शहरों में से एक सिडनी तक पहुंच चुका है और हजारों की संख्या में लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। आग से संबंधित घटनाओं में कम से कम 18 लोगों की मौत हो चुकी है। ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग का का असर न्यूजीलैंड में भी देखा जा रहा है।
यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के इकोलॉजिस्ट का अनुमान है कि आग में झुलसने की वजह से अब तक 48 करोड़ जानवरों की मौत हो चुकी है। मरने वाले जानवरों में स्तनधारी पशु, पक्षी और रेंगने वाले जीव सभी शामिल हैं। ऑस्ट्रेलियाई सरकार जानवरों को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान चला रही है।
दुलर्भ प्रजाति का जानवर है कोआला
बता दें कि कोआला ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में वृक्षों पर रहनेवाला एक दुर्लभ प्रजाति का जानवर है। यह भालू के वर्ग में आता है। फैसकोलार्कटिडाए (Phascolarctidae) प्रजाति का कोआला आखिरी दुर्लभ जानवर है। मुख्य तौर पर यह पूर्वी और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के तटवर्ती क्षेत्रों में मिलता है।
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20वीं सदी में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के अधिकतर कोआला मार दिए गए थे, लेकिन बाद में उन्हें संरक्षित करने के लिए अभियान चलाया गया।
कोआला काफी शांत जानवर हैं। ये औसत 13 से 15 साल तक जीवित रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया में नीलगिरी के पेड़ों की 700 से अधिक प्रजातियां हैं, लेकिन कोआला केवल 50 प्रजातियों के पत्ते खाते हैं। कोआला का प्रजनन काल अक्टूबर से फरवरी तक होता है। कोआला में गर्भावस्था 30-35 दिनों के भीतर होती है।
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