मुजफ्फराबाद। जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर मानवाधिकार का रोना रोनेवाला पाकिस्तान का असली रंग PoK में की गई उसकी कार्रवाई पर दिखता है। पाकिस्तानी सेना मंगलवार को PoK की राजधानी मुजफ्फराबाद में राजनीतिक दलों की रैली में लाठियां बरसाईं। इसके खिलाफ आलोचना बंद भी नहीं हुई थी कि, सेना ने वहां के प्रेस क्लब में छापा मारा है।'
कई पत्रकारों को चोट पहुंची
जानकारी मिल रही है कि पाकिस्तानी सेना की इस बर्बरता पर कई पत्रकारों को चोट पहुंची है। इनमें से कई ने आरोप लगाया है कि सेना ने उन्हें जानबूझकर पीटा है। यही नहीं, पुलिस पर पत्रकारों के कैमरे और कई और उपकरण भी तोड़ने का आरोप लगा है। आपको बता दें कि पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पीपल्स नेशनल अलाइंस (JKPNA) की पत्रकार वार्ता के दौरान यह कार्रवाई की।
एक दिन ही दिन में बर्बरता की दो घटनाएं
मुजफ्फराबाद में एक दिन ही दिन में दो बड़ी घटनाएं हुईं, जिसमें पाकिस्तान पुलिस का अमानवीय चेहरा देखने को मिला है। बता दें कि इस प्रेस वार्ता में जेकेपीएनए ने गुरुवार को लंदन में पाकिस्तानी हाई कमीशन के गेट के सामने प्रोटेस्ट की धमकी दी थी।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले पुलिस ने गुलाम कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में राजनीतिक दलों की रैली में भी लाठीचार्ज किया। ये लोग पाकिस्तान सरकार से आजादी की मांग कर रहे थे। पुलिस की इस कार्रवाई में दो लोगों की मौत हो गई। जबकि, 80 से अधिक के घायल होने की जानकारी भी मिली थी।
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