खुले पड़े सीवर चेंबरों पर बिफरे पार्षद, सभापति बोले- अधिकारियों की उदासीनता से जनता परेशान - Silver Screen

खुले पड़े सीवर चेंबरों पर बिफरे पार्षद, सभापति बोले- अधिकारियों की उदासीनता से जनता परेशान

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ग्वालियर। नगर निगम परिषद की बैठक में मंगलवार को शहर में खुले पड़े सीवर चेंबर और गंदे पानी की समस्या पर पार्षदों ने हंगामा किया। पार्षदों का आरोप था कि अधिकारी चेंबरों में ढक्कन नहीं लगवाते हैं, जिससे कई बार लोग इनमें गिर जाते हैं। एक पार्षद ने यहां तक कहा कि क्या कोई चेंबर में गिर कर मर जाएगा, तब अधिकारियों को सुध आएगी। सभापति राकेश माहौर ने कहा कि अधिकारियों की उदासीनता के कारण जनता परेशान है। इस पर निगम आयुक्त जल्द रोक लगाएं।

 

बैठक शुरू होते ही पार्षद दिनेश दीक्षित ने शहर की सडक़ों पर खुले पड़े सीवर चेंबरों की समस्या रखते हुए कहा कि इनसे लोग दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं। पार्षद बलवीर सिंह ने कहा कि दो महीने पहले खुले चेंबरों की समस्या परिषद में रखी थी, लेकिन हल नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि चेंबरों की सफाई करने वाले कर्मचारियों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है। वे बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के चेंबर में घुसकर सफाई करते हैं। उन्हें सुरक्षा संबंधी उपकरण क्यों उपलब्ध नहीं होते? उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक चेंबरों का ठेका खत्म होने जा रहा हैं, नया ठेका कब तक होगा। पार्षद जबर ङ्क्षसह ने कहा कि मेरे क्षेत्र की मुख्य सडक़ों के चेंबर टूटे हैं। इनमें ढक्कन नहीं लगवाए जा रहे हैं। क्या कोई चेंबर में गिरकर मर जाएगा तब निगम आयुक्त को इनकी सुध आएगी।

 

सभापति माहौर माहौर ने इस पर आयुक्त संदीप माकिन से जवाब देने को कहा। जिस पर आयुक्त ने कहा कि अब तक दो बार टेंडरिंग प्रक्रिया हो चुकी है। पहले टेंडर बुलाया गया उसमें मापदंड के हिसाब से ठेकेदारों ने हिस्सा नहीं लिया। दूसरी बार टेंडर प्रक्रिया की गई जिसमें छोटी-छोटी मशीनरी ठेकेदार के पास उपलब्ध होना अनिवार्य किया गया। इसमें ठेकेदारों द्वारा कहा गया कि उनके पास मशीनरी उपलब्ध नहीं है। अब तीसरी बार टेंडर बुलाएं जाएंगे। मैं टेंडर को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता हूं।

 

धारा 370 हटाने का स्वागत किया
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर परिषद में भाजपा पार्षदों ने डेस्क बजाकर स्वागत किया, लेकिन कांग्रेस पार्षद शांत नजर आए। इस पर भाजपा पार्षद सतीश बोहरे ने कहा कि कांग्रेस पार्षद देश की सरकार के इस निर्णय का स्वागत क्यों नहीं कर रहे हैं। जिस पर कुछ समय के लिए हंगामा हुआ।

 

कोटेश्वर मंदिर के मामले में सभापति की आसंदी घेरी
कोटेश्वर महादेव मंदिर पर मेले की जमीन पर हो रहे निर्माण कार्य के मामले को पार्षद जयसिंह सोलंकी ने फिर उठाया। उन्होंने कहा कि यह जमीन मंदिर की सरकारी जमीन है, इस पर अवैध निर्माण कार्य रुकवाने के लिए पूर्व में मुद्दा उठाया था। इस पर आयुक्त ने कहा कि यह जमीन किसकी है, इसको लेकर कलेक्टर कार्यालय को पत्र लिखा गया है। इस पर भाजपा पार्षदों ने कहा कि निर्माण कार्य रोका जाए। इस पर कांग्रेस पार्षदों ने विरोध किया और अध्यक्ष की आसंदी घेरी। इसके बाद पांच मिनट के लिए परिषद की कार्यवाही रोकी गई।

 

तीनों विधानसभा में बने पानी की जांच के लिए लैब
नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित ने कहा कि शहर में सालों पुरानी पाइप लाइन टूटने से लोगों के घरों में शुद्ध पानी नहीं आता है, इसलिए पानी के बिल पर फिल्टर के बाद पानी की गुणवत्ता का मापदंड अंकित हो। पंप बोर के पानी की गुणवत्ता और तिघरा के पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए तीनों विधानसभा क्षेत्रों में निगम की लैब हो, जहां लोग आसानी से पानी की जांच करा सकें। अमृत की लाइन से भी शहर में बढ़ी समस्या पार्षदों ने कहा कि गंदे पानी की समस्या अमृत की लाइन से बढ़ी है। प्राइवेट कंपनियां कहीं भी खुदाई कर देती हैं, जिससे पुरानी लाइनों को नुकसान हो रहा है। अमृत योजना में गड़बड़ी हो रही है। पार्षद सुरजीत भदौरिया ने पानी की टंकी की सफाई की ओर ध्यान आकर्षित कराया। पार्षद बाबूलाल चौरसिया ने पार्षदों को लेपटॉप न मिलने की बात कही। पार्षद हरिपाल ने निगम के सब इंजीनियर केसी अग्रवाल द्वारा मनमानी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूर्व में लापरवाही के आरोप लगने पर उन्हें आयुक्त ने तिघरा भेज दिया था, इसके बाद पुन: 20 वार्ड की जिम्मेदारी दी है।



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