बता रहे भगवान की जाति जिन्हें अपनी जाति का भी अता पता नहीं - Silver Screen

बता रहे भगवान की जाति जिन्हें अपनी जाति का भी अता पता नहीं

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आजकल एक फैशन शो चल गया है भगवान की जाति को बताने को लेकर

 अब हनुमान से बढ़कर भाजपा सांसद बोले जटायु थे मुस्लिम और सुग्रीव को बताया कुर्मी



उत्तर प्रदेश में राम मंदिर का मुद्दा पीछे हो गया है अब भाजपा विधायकों सांसदों भगवान की जाति को लेकर जंग सी छिड़ गई है हनुमानते कौन इसे लेकर भाजपा नेताओं के नित नए विवादित बयान सामने आ रहे हैं यह उस समय सामने आ रहे हैं जबकि 3 राज्यों में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ रहा है इन्हीं बयानबाजी को लेकर भाजपा के voter लगातार कम हुए हैं.

अब अंबेडकर नगर से सांसद हरिओम पांडे का दावा है कि भगवान हनुमान ब्राह्मण थे जबकि सुग्रीम कुर्मी वाली यादव और जटायु मुस्लिम थे इससे पहले गुरुवार को विधानसभा सदन से लेकर सड़क तक हनुमान जी की जाति पर चर्चा हुई भाजपा एमएलसी बुक्कल नवाब ने हनुमान को मुस्लिम बताया तो सदन में एक प्रश्न के चर्चा के दौरान योगी के मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने हनुमान को जाट जाति का पता दिया था

विपक्ष ने साधा निशाना 

संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को आराध्य देवी-देवताओं की जाति पर इस तरह के बयान बाजी नहीं करना चाहिए सपा

भाजपा पहले यह तय कर ले कि हनुमान जी की जाति क्या है हमें तो सिर्फ इतना ही पता है कि हनुमानजी हम सभी के आराध्य हैं कांग्रेस

हनुमान जी जाट थे क्योंकि किसी को मुसीबत में देख जाट बचाने के लिए कूद पड़ता है यह बयान है चौधरी लक्ष्मीनारायण जो मंत्री हैं उत्तर प्रदेश के

 इसी प्रकार हनुमान जी मुसलमान थे इसलिए मुसलमानों में रहमान रमजान जैसे नाम होते हैं यह कहना बुक्कल नवाब भाजपा एमएलसी

 ब्राह्मण हनुमान जी दलित नहीं ब्राह्मण देवता योग में दलित शब्द ही नहीं यह कहना है शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का

 दलित से भी नीचे हनुमान जी तो बंदर थे बंदर पशु होता है इसलिए वह दलितों से भी नीचे थी यह वकालत की है गोपाल नारायण सिंह राज्य सभा सांसद 

भाजपा.. सत्ता के लिए लोग इतनी नीचे जा सकते हैं यह किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी ना ही भगवान ने यह कभी सोचा होगा कि मुझे जातियों में भी बांट दिया जाएगा इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने हनुमान जी की जाति को लेकर राजस्थान में बयानबाजी की थी जिसको लेकर काफी हंगामा खड़ा हुआ था लेकिन इसके बावजूद भी भाजपा नेता आप अपने नए कारनामों और दया विवादित बयानों से पीछे नहीं हट रहे हैं अब देखना यह है कि भारत में जातिवाद किस हद तक आगे जा सकता है और यह नेताओं की जुबानी देश को कहां से कहां ले जा सकती है


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