दूरस्थ शिक्षण संस्थान को फिर नहीं मिली मान्यता, हजारों छात्रों का होगा नुकसान - Silver Screen

दूरस्थ शिक्षण संस्थान को फिर नहीं मिली मान्यता, हजारों छात्रों का होगा नुकसान

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ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षण संस्थान की यूजीसी से मान्यता लेने में फिर फेल हो गया है। यह लगातार दूसरी बार है, जब मान्यता नहीं मिली है। जेयू दो साल में भी मान्यता के लिए तय की गई शर्तों को पूरा नहीं कर पाया है। ग्वालियर-चंबल संभाग के हजारों छात्र दूरस्थ शिक्षण संस्थान से बीए, बीएससी व अन्य प्रोफेशनल कोर्स, डिप्लोमा करने के लिए आते हैं, मान्यता नहीं मिलने से उन्हें नुकसान होगा।

 

यूजीसी ने वर्ष 2016-17 और 17-18 की मान्यता रिन्यू करते समय जीवाजी विश्वविद्यालय के समक्ष कई शर्तें रखी थीं, जो पूरी नहीं हो सकी हैं। बीते सालों में दूरस्थ शिक्षण संस्थान को यूजीसी की मान्यता आखिरी बार संस्थान के तत्कालीन डायरेक्टर प्रो.योगेश उपाध्याय ने दिलवाई थी। इसके बाद यूजीसी द्वारा रखी गई शर्तों को पूरी कराने को लेकर प्रो.उपाध्याय ने कई बार पत्र व्यवहार किया। करीब डेढ़ साल पहले उन्होंने डायरेक्टर पद छोड़ दिया। इसके बाद एके श्रीवास्तव को डायरेक्टर मनोनीत किया गया, तब यूजीसी की शर्तों पर काम नहीं हो सका। इसके बाद दूरस्थ की प्रशासनिक टीम ने पहल की तो यूजीसी ने आवेदन निरस्त कर दिया। इसके बाद भी जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन सचेत नहीं हुआ, लेकिन चालू कोर्स के लिए काउंसलर नियुक्त किए गए।

 

स्थाई टीचर व स्वयं का स्टडी मटेरियल नहीं
दूरस्थ शिक्षण संस्थान की मान्यता के लिए सबसे पहली शर्त स्वयं का स्टडी मटेरियल और स्थाई स्टाफ व टीचर की नियुक्ति थी। यह जेयू प्रशासन नहीं कर सका, न ही छात्रों की क्लास लगाने के लिए आधुनिक तकनीक उपयोग में ला सका। यही कारण है कि नेक की स्कोर रैंकिंग में दूरस्थ शिक्षण संस्थान फेल हो गया था।

काउंसलर पर खर्च हो रहे लाखों रुपए
दूरस्थ शिक्षण संस्थान में 12 काउंसलर नियुक्त हैं, जो पिछले साल पदस्थ किए गए थे। जबकि हर साल काउंसलर के लिए विज्ञापन जारी करना होता है। इस बार अगस्त महीना बीतने को है, अब तक डायरेक्टर की ओर से कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया है।

 

32 में से 29 कोर्स बंद
जेयू के दूरस्थ शिक्षण संस्थान में स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, प्रोफेशनल डिग्री के 32 कुल कोर्स संचालित किए जाते थे। वर्तमान में केवल एमबीए के तीन कोर्स संचालित हो रहे हैं, शेष 29 कोर्स बंद हो चुके हैं। वही ग्वालियर-चंबल संभाग के अलग-अलग जिलों के स्टडी सेंटर भी बंद हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में अंचल के छात्र, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विवि और भोज से जुड़ रहे हैं।

 

कई शर्तें पूरी कर ली थीं
मेरे समय यूजीसी ने कुछ शर्तों के साथ मान्यता रिन्यू की थी। इसमें कई शर्तें पूरी भी कर ली गई हैं। अब मान्यता को लेकर मेरे पास कोई जानकारी नहीं है।
प्रो.योगेश उपाध्याय, पूर्व डायरेक्टर, जेयू

 

शर्तें पूरी नहीं हो सकीं
यूजीसी ने प्रदेश के एक-दो विश्वविद्यालय को छोडकऱ किसी भी विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षण संस्थान को मान्यता नहीं दी है। उनकी शर्तें पूरी नहीं हो सकी हैं। काउंसलर के लिए जल्द ही विज्ञापन निकाला जाएगा।
प्रो.एके श्रीवास्तव, डायरेक्टर, दूरस्थ शिक्षण संस्थान, जेयू



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