विवाद: मुरार अस्पताल में सफाईकर्मियों ने वार्डों में डाला कचरा, हजीरा में डॉक्टरों ने नहीं देखे मरीज - Silver Screen

विवाद: मुरार अस्पताल में सफाईकर्मियों ने वार्डों में डाला कचरा, हजीरा में डॉक्टरों ने नहीं देखे मरीज

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ग्वालियर। जिला चिकित्सालय मुरार और हजीरा सिविल अस्पताल में विवाद होने पर शनिवार को मरीजों को तीन घंटे परेशानी झेलनी पड़ी। मुरार में सिविल सर्जन से विवाद होने पर सफाई कर्मचारियों ने हंगामा कर अस्पताल का कचरा वार्डों और गैलरी में डाल दिया। इससे बदबू के कारण मरीजों का बुरा हाल हो गया। उधर हजीरा सिविल अस्पताल में एक अटेंडर से विवाद होने पर डॉक्टरों ने तीन घंटे तक काम बंद रखा, इससे ओपीडी में मरीज परेशान होते रहे।


- गंदगी देख सिविल सर्जन के टोकने पर नाराज हुए कर्मचारी, कहा-तीन महीने से नहीं मिला वेतन
मुरार अस्पताल में सिविल सर्जन सुबह राउंड पर थे, तभी उन्होंने गंदगी देखकर सफाई कर्मचारियों को टोक दिया। इस पर सफाई कर्मचारी नाराज हो गए और कह दिया कि तीन महीने से वेतन नहीं मिला है, ऐसे में हमसे आप कुछ नहीं कह सकते हैं। इसके बाद सफाईकर्मियों ने वार्डों में कचरा डाल दिया, इससे मरीजों को गंदगी के बीच ही इलाज कराना पड़ा। कई मरीज अस्पताल से बाहर आ गए। लगभग दो घंटे तक हंगामें के बाद एसडीएम पुष्षा पुष्पाम और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। दोपहर 1.30 बजे वार्डों से कचरा बाहर निकाला गया।


तीन घंटे बाद हुई सफाई
मुरार अस्पताल में सफाई कर्मचारियों द्वारा कचरा फेंकने के बाद वार्डों में और गैलरी में निकलने में मरीजों और उनके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मरीजों के अटेंडर नाक पर रूमाल रखकर निकल रहे थे। तीन घंटे बाद सफाई हुई तब मरीजों को राहत मिली।

 

अटेंडर ने दूसरी दवाएं लिखने को कहा, हाथापाई तक पहुंची नौबत
हजीरा सिविल अस्पताल में सुबह 9.30 बजे ओपीडी में डॉक्टर वीरपाल यादव और 78 वर्षीय मरीज भरोसीलाल मरीज के आरक्षक बेटे अशोक कुमार के बीच विवाद हो गया। मरीज के पुत्र ने डॉक्टर को दूसरी दवाएं लिखने को कहा, इस पर दोनों में मुंहवाद हो गया और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। इसे देख अन्य डॉक्टर एकत्रित हो गए और अटेंडर को पकड़ लिया। वह उनसे छूटकर सीधा ग्वालियर थाने पहुंच गया। वह मुरार थाने में कांस्टेबल है। इस बीच अस्पताल में डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया। इसके बाद एसडीएम प्रदीप तोमर व ग्वालियर थाने के टीआई मौके पर पहुंच गए। इस दौरान लगभग तीन घंटे तक ओपीडी में मरीज परेशान होते रहे।

 

तीन घंटे किया इंतजार
हजीरा सिविल अस्पताल में ओपीडी में पहुंचे मरीजों को हंगामे के कारण काफी परेशान होना पड़ा। चार शहर का नाका से आईं नीलम शाक्य ने बताया कि बेटी को दिखाने के लिए आई थीं, तीन घंटे से परेशान हो रही हैं, कोई सुनने वाला नहीं है। वहीं तानसेन नगर निवासी माला ने बताया कि खून की जांच के लिए आए हैं, सुबह से ढाई घंटे हो गए हैं, लेकिन डॉक्टरों के न होने से परेशान होना पड़ रहा है।

 

डॉक्टर और अटेंडर ने लगाए आरोप
डॉक्टर वीरपाल यादव का कहना है कि अटेंडर ने महंगी दवाएं लिखने के लिए कहा, मैने उनसे कहा कि दवाएं ठीक हैं, जो यहां पर हैं वही मिलेंगी। इस पर विवाद हो गया। अटेंडर अशोक कुमार ने बताया कि डॉक्टर ने मुझसे कहा कि अच्छा इलाज कराना है तो क्लीनिक पर आना। इस पर डॉक्टर से मैने कहा कि पैसे होते तो प्राइवेट इलाज ही कराते, इस बात पर लड़ाई हो गई।

 

दोनों का समझा दिया है
हजीरा सिविल अस्पताल में झगड़े की शिकायत पर मौके पर जाकर घटना के फुटेज देखे हैं। उसमें कुछ खास नहीं दिख रहा है। हमने डॉक्टर और अटेंडर को समझा दिया है।
प्रदीप तोमर, एसडीएम


सफाईकर्मियों ने हंगामा कियामुरार अस्पताल में सफाई कर्मचारियों ने वेतन न मिलने को लेकर काफी हंगामा किया, इससे मरीजों को काफी परेशानी हुई। कर्मचारियों को वेतन मिल जाएगा। सफाई क र्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सिविल सर्जन से कहा है।
पुष्पा पुषाम, एसडीएस मुरार



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