दूसरों का दर्द मिटाने के लिए छोड़ देते हैं अपनी खुशियां - Silver Screen

दूसरों का दर्द मिटाने के लिए छोड़ देते हैं अपनी खुशियां

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ग्वालियर. जिंदगी जीने का मकसद खास होना चाहिए, अपने आप में विश्वास होना चाहिए, जीवन में खुशियों की कमी नहीं दोस्तों बस खुशियां मनाने का अंदाज होना चाहिए। यह कहावत चरितार्थ कर रही है युवाओं की टीम जो कि शाम होते ही सडक़ों पर आ जाती है और बस- स्टैंड, रेलवे स्टेशन, जयारोग्य अस्पताल के अलावा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भूखे लोगों को भोजन कराती है, साथ ही जो भी घायल मिलता है तो उसके उपचार की भी व्यवस्था कराती है। जिसका पूरा खर्च युवाओं द्वारा स्वयं का खर्च बचाते हुए पॉकेट मनी से किया जाता है। इसी के साथ युवाओं की टोली द्वारा गरीब बच्चों को शिक्षित बनाए जाने के साथ ही उनकी खुशियों में चार चांद लगाए जाने के लिए प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। जिनके माध्यम से वह बच्चों के बीच खुशियां मनाते हुए प्रतिभाओं को निखारने का मौका देते हैं। इसके लिए उन्हें कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।
नवयुवक सामाजिक संस्था के संरक्षक बेताल कैन ने एक्सपोज से चर्चा के दौरान बताया कि बस- स्टैंड, रेलवे स्टेशन परिसर, जयारोग्य अस्पताल के अलावा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कई ऐसे लोग रात काटने को विवश रहते हैं, जिनके पास रहने को छत नहीं होती और न ही पेट भर खाना खाने के लिए पैसे, ऐसे लोग दिन भर मेहनत मजदूरी कर एक टाइम का खाना तो बड़ी मुश्किल से खा पाते हैं। ऐसे ही लोगों की मदद के लिए हमारी टीम द्वारा कार्य किया जा रहा है। इसके लिए टीम में शामिल करीब एक दर्जन से अधिक युवाओं द्वारा हर माह पॉकेट मनी एकत्रित की जाती है। इस राशि से स्वयं ही खाना बनाते हैं और खाना बनाने के बाद ऐसे लोगों की तलाश करते हैं जो कि भूखे पेट रात गुजारने को मजबूर रहते हैं। खाना खाते ही लोगों द्वारा भी युवाओं को दुआएं दी जाती है। जिससे युवाओं का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं अगर खाना कम भी पड़ जाता है तो युवाओं की टीम होटलों संचालकों से सहयोग लेकर बचा हुआ खाना लेकर भी लोगों की भूख शांत कराते हैं।

शिक्षित बनाने के साथ ही प्रतिभाओं को निखारने का देते हैं मौका- संस्था में शामिल केपी, कुलदीप, आनंद केन, अमित, संदीप, रविन्द्र, सोनू, दीपक, नितिन, नीतेश सहित अन्य युवाओं द्वारा खास तौर पर बच्चों को शिक्षित बनाए जाने का कार्य भी किया जाता है। जिनके द्वारा गरीब बस्तियों में दो घंटे की कोचिंग लगाकर बच्चों को विषयवार पढ़ाई कराई जाती है। इसी के साथ ही बच्चों को अध्ययन सामग्री भी संस्था के युवाओं द्वारा ही उपलब्ध कराए जाने का कार्य किया जा रहा है। वहीं संस्था द्वारा डांसिंग, पेंटिंग सहित अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन भी कराया जाता है, जिसमें बच्चों को नि:शुल्क ही प्रशिक्षण दिया जाता है। जहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर बच्चे शहर या फिर शहर से बाहर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर संस्था का नाम रोशन कर रहे हैं।

बच्चों के बीच मनाते हैं खुशियां- संस्था के जो भी सदस्यों का जन्म दिन होता है या फिर कोई त्योहार का अवसर होता है तो संस्था के सभी युवा साथी गरीब बस्तियों में पहुंचकर बच्चों के बीच ही केक काटकर जन्म दिन मनाते हैं। इस दौरान बच्चों के लिए संास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी कराया जाता है, जिसमें बच्चे खुशी-खुशी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। इस अवसर पर संस्था सदस्यों द्वारा बच्चों को मिठाइयां व उपहार भी वितरित किए जाते हैं। जिससे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाती है, साथ ही वह जमकर मस्ती करते हैं। ऐसे में बच्चों के अभिभावकों द्वारा भी संस्था के युवाओं द्वारा किए जा रहे इस पुनित कार्य की सराहना की जाती है।

परिजन भी करते हैं सहयोग- संस्था के युवाओं द्वारा जिस तरह से जरूरतमंदों को भोजन खिलाने और गरीब बच्चों को शिक्षित बनाने का जिम्मा निभाया जा रहा है, उसमें युवाओं के परिजनों द्वारा भी विशेष सहयोग प्रदान किया जाता है। युवाओं के परिजनों द्वारा उन्हें पैसे तो उपलब्ध कराए ही जाते हैं, साथ ही जब तक सभी युवा एक स्थान पर भोजन बांटकर आते हैं तब तक उनके परिजनों द्वारा दूसरे स्थान के लिए भोजन तैयार कर रख लिया जाता है। इस तरह से युवाओं द्वारा देर रात तक सार्वजनिक स्थानों पर भूखे लोगों को भोजन खिलाए जाने का कार्य किया जा रहा है।



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