सावधान
इंटरनेट पर फर्जी कंप्लेंट फॉर्म तथा फर्जी बैंकों के नाम से चल रहे फेसबुक पेज.
यह तो आजकल इंटरनेट हमारे जीवन का आवश्यक अंग बन गया है बिना इसके किसी भी सूचना का आदान प्रदान करना बहुत मुश्किल हो गया है या यूं कहिए कि असंभव है बिना इंटरनेट के आजकल का जीवन जीना . इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के साथ साइबर खतरे भी आजकल हमारे जीवन में जहर घोल रहे हैं, आने वाले साल में साइबर खतरे से निपटने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है | हमारे पास आमतौर पर लोग इंटरनेट पर हर परेशानियों का हल ढूंढते रहते हैं सर्च करते रहते हैं या बैंकिंग परेशानी के लिए उपभोक्ता इंटरनेट पर ही जाते हैं तो वह फर्जी कंप्लेंट फॉर्म से शाम ना आए दिन होता है यह लोग इसे असली मानकर वहां पर शिकायत दर्ज करते हैं और आसानी से धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं आइए जानते हैं कुछ साबर खतरों के बारे में.
पहला खतरा
कुछ दिन पहले एक युवती ने भाई के बैंक से ₹75000 निकालने के लिए अपने स्वयं के किए चेक पर हस्ताक्षर ले कर भेजा था वह बैंक पहुंचा तो पैसा निकालने में काफी परेशानी आई उसे इंटरनेट पर बैंक के नाम से कंप्लेंट फॉर्म नजर आया तो वहां उसने इस संबंध में शिकायत कर दी थोड़ी देर में निराकरण के लिए बैंक अफसर ने फोन किया और एटीएम कार्ड का नंबर मांगा जो भी बैंक से फोन था इसलिए युवक में नंबर दे दिया तत्काल ओटीपी आ गया कुछ सेकंड में उसके अकाउंट से ₹75000, बाद में उसे पता चला कि यह एक कंप्लेंट फॉर्म फर्जी था ऐसा कई लोगों के साथ में हो चुका है क्या करें यह घटना होने के बाद में विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इंटरनेट पर फर्जी कंप्लेंट फॉर्म के नाम से फर्जी पेज लगातार बढ़ रहे हैं जिनका कोई अता-पता नहीं है फर्जी ऑडियो के सारे बनते हैं बैंकों के नाम से भी बनाते हैं उन पर डिटेल डालते ही आम आदमी के साथ में फोर्ड हो जाता है लोगों से आग्रह है कि बैंक कार्ड के पीछे लिखे हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें या बैंक अधिकृत वेबसाइट पर जाएं अथवा बैंक की शाखा में जाकर अपनी समस्या के बारे में बैंक मैनेजर अथवा वहां पर उपस्थित अधिकारी से बातचीत करें.
दूसरा खतरा
साइबर का एक बड़ा खतरा यह भी है कि अनजान वेबसाइट के लिंक पर क्लिक करते हैं किसी भी बैंक या अन्य कंपनी के लुभावने ऑफर आपके मोबाइल पर उनकी लिंक आती है लिंक खोल दें कि आपका मोबाइल नंबर है कोई आता है इसका मतलब यह है कि फ्रॉड व्यक्ति आपका मोबाइल करने लगता है जिन लोगों के मोबाइल नंबर से बैंक अकाउंट लिंक है उनके खाते से राशि निकल जाती है कई बार तो बैंक अकाउंट से मोबाइल नंबर ही बदल जाता है इसके बाद अकाउंट का इस्तेमाल है कर कर पूरा खाता खाली कर देता है ऑटोमेटिक कोडिंग से भी आजकल है हो रहा है जिससे कि लोगों के खातों से मुकुल बिना जानकारी के पैसे निकल जा रहे हैं लोगों को सलाह दी जाती है कि कोई भी अनजान व्यक्ति लिंक भेजे और उस लिंक में कोई लुभावना ऑफर की बात हो या उस पर क्लिक करने के लिए कहा जाए तो कृपया अंजाम से लिंक या एसएमएस पर कभी भी रिप्लाई ना करें ऐसा करने से आपके खाते में जमा सारा पैसा रोड के पास में जा सकता है और आपके पास में शिवाय कंप्लेंट करने के कुछ भी हासिल नहीं होगा.
तीसरा खतरा
आधुनिक दौर में स्पूफ कॉलिंग बड़ा खतरा बन रहा है इंटरनेट पर ऐसे कई एप्लीकेशंस है जिनसे यह कॉलिंग हो सकती है इनमें किसी भी मोबाइल का नंबर हो सकता है साइबर सेल के पास ही हाल ही में इस प्रकार की शिकायत आई थी कि एक व्यक्ति के नंबर से उसके ब्रोकर को कॉल कर लाखों के शेर भेज दिए गए कंपनी के खाता धारक के नंबर से कॉल आने पर शेयर भेजे दूसरी बार भी फोन आने पर शंका मैं चेक किया तो पता चला कि खाताधारक के नाम से किसी और ने कॉल किया था पहले किया गया कॉल टू कॉल था जिसे पकड़ना भी आसान नहीं है इस प्रकार की कॉल भी आई पी की मदद से किए जाते हैं जो बिना किसी की आईडी उपयोग किए हुए किसी भी नंबर से हो सकते हैं अथवा आपका मोबाइल ही हैकर आपके मोबाइल से ही कॉल किया जा सके और आपके बैंक अकाउंट की सारी डिटेल अथवा बैंक अकाउंट का सारा पैसा एक दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर किया जा सके लोगों को सलाह दी जाती है कि फ्री कॉलिंग के जरिए कोई भी आपका मोबाइल नंबर उपयोग कर सकता है अगर किसी नजदीकी के नंबर से फोन आए और परेशानी बता कर आर्थिक सहयोग मांगे तो विश्वास ना करें और अपनी ओर से उस व्यक्ति को एक बार कॉल कर ले जिससे कि यह कंफर्म हो जाए कि कॉल करने वाला व्यक्ति आपका ही परिचित है अथवा अन्य कोई.
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