नई सदी का भारत कैसा हो - Silver Screen

नई सदी का भारत कैसा हो

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नई सदी का भारत कैसा हो?

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सदियों से भारत दुनिया के कई देशों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. चाहे वह किसी भी अवस्था में राहु कालांतर में भारत की पहचान एक गरीब एवं भुखमरी तथा आर्थिक तंगी से जूझ रहे राष्ट्र के रूप में पहचान होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है परिस्थितियां हमारे अनुरूप है और हमने दुनिया को दिखा दिया है कि अब हम किसी से कम नहीं है लगातार हम प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहे हैं और नित नए-नए आयामों को निर्माण थी रहे हैं यह काफी नहीं है हमारे भारत के लिए चुनौतियां और नए अवसरों के लिए कैसे हम तैयारी करें इस विषय पर आज हम चर्चा करेंगे यह लेख इसी पर आधारित है आज हम जानेंगे कि हमें अपने ऊर्जावान एवं सपनों के भारत के लिए क्या कुछ करने की जरूरत है क्या क्या आवश्यकता और हैं सामाजिक, आर्थिक विषमताओं के चलते हम इन अव्यवस्थाओं पर कैसे पार पा सकते हैं इसी का हल हमार ढूंढने की कोशिश करते है.

भारत में अभी कई ऐसे हिस्से हैं जहां पर गरीबी भुखमरी बीमारी और सामाजिक असमानता से लोगों की मौतें हो रही है दिन प्रतिदिन की आवश्यक सामग्री को लेकर युद्ध के लिए उपकरण तक के लिए हम दूसरे देशों पर आश्रित हैं, दूसरी और प्रतिभाशाली भारतीय युवा हैं जिन पर हमारे देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कई देश आश्रित हैं लेकिन उनका मन भारत में नहीं लगता यहां की खराब राजनीति प्रदूषण कम वेतन कम सुविधाएं भीड़ और तमाम देश में चलती समस्याओं से वह परेशान यह वर्ग विदेशों में सेट होना चाहता है साथ ही भारत मैं ऐसे जागरूक वर्ग की बहुत कमी है जो जाति धर्म आदि से उठकर 2050 साल की बात करें या बारीक बात करें ऐसी व्यवहारिक चुनौतियों से निपटने के लिए और अपने पैरों पर खड़े होने के लिए हमारे देश को बहुत बहुत मेहनत करनी होगी आइए भारत के सामने खड़ी चुनौतियों अवसरों को ताकि हम नेता और दलों से इनके समाधान के प्रश्न कर सही फैसला कर सकें.

Bhukmari (भुखमरी)

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 सबसे पहले बात करते हैं भारत में भुखमरी की भारत दुनिया की सबसे बड़ी कुपोषित आबादी का घर कहा जाता है यहां पर लोग अल्प पोषित है हमारी जनसंख्या के 14.8% भुखमरी के कई कारण हैं कम वर्षा का होना खाद्यान्न की उपलब्धता ना होना आवश्यक संसाधनों का समय पर इस्तेमाल ना होना शिक्षा का विस्तार ना होना संचार माध्यमों एवं सड़क मार्ग से दूरी भी एक बहुत बड़ा कारण है भुखमरी का हमारे देश में 195.9 मिलीयन लोग रोज भूखे रहते हैं तथा 21.0 बच्चे कम वजन के हैं जो कि 5 वर्ष से कम आयु के हैं और चार में से एक बच्चा कुपोषित है यहां पर.

आतंकवाद

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दुनिया भर में भारत का सातवां स्थान है आतंकवाद के मामले में ग्लोबल इंडेक्स 2018 की 50 देशों में रैंकिंग है भारत की 2018 में जम्मू कश्मीर में सेना द्वारा किए गए विभिन्न ऑपरेशन ओं में करीबन 271 आतंकवादियों को मार गिराया गया है इन घटनाओं में 86 नागरिकों की मौत हुई है जम्मू कश्मीर में 95 सुरक्षाकर्मी जम्मू कश्मीर में शहीद हुए हैं 2018 में ही तथा 2018 में ही 240 आतंकवादी सक्रिय होकर कश्मीर घाटी में सेना के साथ मुकाबला करने के लिए तैयार हैं ऐसी रिपोर्ट सेना के अधिकारियों के द्वारा समय-समय पर मीडिया को उपलब्ध कराई जाती हैं.


रोजगार


भारत देश की सबसे बड़ी जरूरत यह है कि सभी को रोजगार देना सबसे अहम मुद्दा है रिकॉर्ड देखें तो 20 वर्षों में भारत में सबसे अधिक है बेरोजगारी दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले 16 परसेंट तक पहुंच गई है बेरोजगारी की दर यह आंकड़े स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2018 की रिपोर्ट के अनुसार हैं जो कि यह बताते हैं कि हम अन्य देशों की तुलना में बेरोजगारी कितनी हद तक फैलाने में कामयाब हुए हैं 2015 में बेरोजगारी की दर 5 फीस दी थी जबकि इससे पहले के वर्षों में यह दर 3 से लेकर 4% तक की जो कि वर्तमान मौजूदा हालात से काफी कम थी रोजगार में कमी का एक मुख्य कारण भ्रष्टाचार अशिक्षा संसाधनों की कमी एक अहम मुद्दा रहा है जिसको लेकर समय-समय पर सामाजिक एवं राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे की आलोचना करते नजर आते हैं परंतु यह कोई भी हल नहीं निकालना चाहता है कि रोजगार के नए अवसर किस प्रकार पैदा किए जाएं और किस प्रकार आवाम को रोजगार दिया जाए जिससे वह अपनी जिंदगी चैनवा मनसे गुजर बसर कर सके दूसरे देश में न जाए अपने देश में ही उसे रोजगार प्राप्त हुआ ऐसा कुछ करने की जरूरत है.

पलायन


देश को आर्थिक मंदी की ओर अकेले में भारत में भ्रष्टाचार की जड़ों का मजबूत होना भी एक अहम कारण रहा है देखा जाए तू जो भी यहां पर उच्च शिक्षा पाता है अथवा उच्च शिक्षा पाने के लिए विदेश जाता है वह विदेश का ही हो जाता है वहां पर उसको इतनी सुविधाएं मिलती हैं इतना अच्छा वेतन मिलता है कि वह दोबारा भारत आने का मन ही नहीं करता तथा अपने पूरे परिवार को भी वहां पर बुला लेता है दूसरे देशों की तुलना में भारत में शिक्षित बेरोजगारों के लिए कोई ऐसा ठोस सार्थक प्रयास नहीं किया गया जिससे कि उनके पलायन को रोका जा सके वर्तमान में आंकड़े यह बताते हैं कि 306401 भारतीय ग्रीन पार्क आने की कतार में थे मई 2018 तक अमेरिका नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं के आंकड़ों के अनुसार जबकि 67031 चीनी नागरिक अमेरिका में गृह कार्ड पाने का इंतजार पा रहे थे हमें कुछ ऐसे प्रयास करने होंगे जैसे कि देश से शिक्षित बेरोजगार युवाओं का पलायन रोका जा सके परंतु मौजूदा हालात ऐसे हैं तथा सरकारें भी इसके लिए कुछ नहीं कर रही है तथा भ्रष्टाचार इस कदर भाभी है कि आम जनता चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रही है सरकारी मशीनरी इसमें फेल होती नजर आ रही है.

Pollution (प्रदूषण )


यदि हमें अपने सभी नागरिकों को स्वस्थ शरीर देना है तथा बीमारियों से इस देश को बाहर करना है इसके लिए हमें ग्लोबल वॉर्मिंग व प्रदूषण का स्तर - मुख्य बिंदु रहेगा 2020 तक पूरी दुनिया का तापमान 1000 वर्षों की तुलना में सर्वाधिक होगा 2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है भारत के वार्षिक तापमान में 2400000 लोगों की मौत होती है प्रदूषण से हर साल भारत देश में 2050 तक समुद्री जल स्तर 15 से 36 सेंटीमीटर उठ सकता है जो भी खतरे की घंटी है इसको घटाने के लिए हमें सरकार द्वारा बनाए हुए मानकों का पालन करना होगा तथा वायु प्रदूषण जल प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण अन्य प्रकार के कई प्रदूषण का स्तर 0 तक लाने के लिए बहुत अधिक सार्थक प्रयास करने होंगे जिससे कि हमारे देश में प्रदूषण का स्तर बहुत कम हो दुनिया के देशों मैं अभी भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर से भी ऊपर है इसमें भारत भी शामिल है दिल्ली जैसे शहर में प्रदूषण का स्तर 400 पी पी सेबी अधिक है जिससे कि यह पता चलता है कि वहां पर सांस लेने में एक सामान्य मनुष्य को कितनी परेशानी होती है जिसके चलते वह कई प्रकार की बीमारियों का शिकार होता है इस प्रकार के प्रदूषण को - हमारी एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रहेगी.

Fake news (फेक न्यूज )


29 लोगों की जानें जा चुकी है अभी तक की फेक न्यूज ओं के अनुसार यह आंकड़े हमें बताते हैं कि फेक न्यूज ओं से किस प्रकार के दंगे फसाद आए दिन होते हैं जिसके कारण सामाजिक स्तर भी बिगड़ता जा रहा है फेक न्यूज़ पर नियंत्रण होना बेहद जरूरी है जिसके लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे अभी तक सरकार के पास अभी तक ऐसा कोई कानून पास नहीं हुआ है जिसके चलते फेंकने इस पर नियंत्रण किया जा सके तथा ऐसा करने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान हो 20 करोड़ से ज्यादा लोग मैसेजिंग एप्स पर आसानी से फैलती है फेक न्यूज़ सारी दुनिया में 80 परसेंट फेक न्यूज़ को फैलाया जाता है 1 फ़ीसदी ट्विटर अकाउंट से होती है फेसबुक व्हाट्सएप टेलीग्राम इत्यादि ऐसे सोशल नेटवर्किंग साधन है जिसके माध्यम से आसानी से फैलती है कई ग्रुप भी है.

Gaming (गेमिंग)

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सबसे पहले हमारा यह काम हुआ कि हम बच्चों के बचपन को सुरक्षित एवं सही दिशा में ले जाएं इसके लिए पहल करनी होगी बच्चों को गेमिंग की लत से बचाना है विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डिजिटल व वीडियो गेम की लत को मानसिक बीमारी माना है गेमिंग डिसऑर्डर को स्थाई या आवर्ती खेल व्यवहार के तौर पर बताया गया है गेमिंग डिसऑर्डर ऑनलाइन या ऑफलाइन भी हो सकता है इसमें कई तरह के विवादों को सूचीबद्ध किया गया हमें अपनी नई पीढ़ी को इस बीमारी से बचाना है अभी फिलहाल में कुछ माह पूर्व एक गेम काफी प्रसिद्ध हुआ था ब्लू व्हेल गेम जिसके चलते कई मासूम ने अपनी जान से भी हाथ धोया था परंतु समय पर सरकारें जाएगी और इसके पर त्वरित कार्रवाई करते हुए इसे स्थाई रूप से बंद कर दिया गया ऐसा ही होगा हमें सोशल मीडिया एप्स प्लेटफॉर्म तथा ऐसे गेमिंग कंसोल को बनाने वालों पर नजर रखनी होगी यह देखना होगा कहीं वह आपकी निजी जिंदगी अथवा आपके बच्चे के बचपन को बर्बाद तो नहीं कर रहे हैं यह सब की जिम्मेदारी है यह अभिभावकों के ऊपर निर्भर करता है कि वह अपने बच्चों को उचित मार्गदर्शन में शिक्षा दें खेलने दें पड़ने दें तथा उन्हें वह भी करने दें जो कि वह चाहते हैं परंतु अपने मार्गदर्शन में.

Artificial intelligence. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस)


आजकल उच्च तकनीकों के प्रयोग से artificial intelligence का उपयोग धड़ाधड़ हो रहा है गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व अन्य तकनीक के नुकसान दे एप्लीकेशन के बारे में डर और चिंता है काफी हद तक सही है यही बात टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क एआई को परमाणु हथियार जैसा मानते हैं माइक्रोसॉफ्ट प्रमुख सत्या नडेला भी कहते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एक ऐसी हो ना हो जिसमें हालात बुराई की तरफ जाते हैं तथा दुनिया को एक गर्त में धकेल दें 2025 तक दुनिया में इंसानों का आधे से ज्यादा काम तकरीबन 52 परसेंट तक मशीनें करने लगे जिससे कि बेरोजगारी काफी हद तक बढ़ जाएगी लेकिन साथ ही यह देखना होगा कि मशीनों का उपयोग एक निर्धारित अवधि तक ही किया जाए जिससे कि पर्यावरण का भी संतुलन बना रहे तथा आदमी भी अपना काम सही तरीके से करता रहे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का काम मानव के काम को आसान करना है ना कि मानव दिमाग पर हावी होकर सभी मानव को अपने बस में कर लेना है कई देश हैं जो अभी-अभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विकसित कर उसका उपयोग कर रहे हैं तथा यह देखने की भी बात है यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कि नहीं गलत हाथों में ना लगे जिससे कि वह उसका उपयोग गलत कार्यो के लिए करें.

जिम्मेदार लोगों से करें सवाल 


यह सवाल आवश्यक हो जाते हैं जबकि आपके लिए बहुत ही जरूरी है, हमारे समाज को एक साथ रहने के लिए विघटनकारी ताकतों से बचकर अपने समाज को एकजुट रहने के लिए जो देश को चला रहे हैं, जो जिम्मेदार हैं हर प्रकार के रिजल्ट्स के लिए उनसे यह सवाल पूछना लाजमी है बेझिझक होकर यह सवाल पूछे...... 

नंबर 1 

परमाणु युद्ध के मडर आ रहे खतरों को और कम करने के लिए आप क्या कार्रवाई करेंगे?

 नंबर 2 

जल प्रदूषण जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के बड़े खतरे पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए क्या आप कोई कार्रवाई करेंगे ?

नंबर 3 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बायोइंजीनियरिंग जैसे विघटन कारी तकनीकों पर कंट्रोल करने के लिए आप क्या कार्रवाई करेंगे इसके लिए आपके पास भावी योजनाएं किस प्रकार की हैं और वह कब अमल में लाई जाएगी ?

नंबर 4 


और अंत में आप यह सवाल अवश्य पूछें कि 2040 या 2050 की दुनिया को आप कैसे देखते हैं सबसे खराब स्थिति से आप कैसे निकलेंगे और सबसे अच्छे दिन लाने के लिए आपका क्या दृष्टिकोण है मेरा मानना है कि एक जिम्मेदार नागरिक होने के लिए आप को कम से कम 4 में से 2 सवाल तो पूछना ही चाहिए जिसके लिए वह लोग जिम्मेदार माने जा रहे हैं तथा वह पूरे देश को चला रहे हैं.


और अंत में चलते चलते की आज की जो भी विषय वस्तु की सामग्री रही है वह किस प्रकार की रही है आपको अच्छी लगी या फिर इसके कोई नकारात्मक पहलू भी है कृपया कमेंट बॉक्स में अथवा मुझे निजी ईमेल के माध्यम से अवगत जरूर कराएं जिससे कि मैं इसमें सुधार कर सकूं और आशा करता हूं कि और इससे ज्ञानवर्धक और रोचक पोस्ट भी आपके लिए लिख सकूं धन्यवाद.





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