नई दिल्ली। 6 दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी इसकी बड़ी प्रतिक्रिया नजर आई थी। हिंदुओं ने अयोध्या में यह ढांचा ढहाते वक्त यह सोचा भी नहीं होगा कि एक मस्जिद के बदले उन्हें कितने मंदिरों की बलि देनी पड़ेगी। रिपोर्ट बताती है कि अयोध्या की इस घटना के बाद पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं के करीब 100 मंदिरों को या तो नुकसान पहुंचाया गया या फिर नष्ट कर दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में नष्ट किए गए 100 मंदिरों में से अधिकांश ऐसे थे, जिनमें नियमित पूजा-अर्चना नहीं की जाती थी। 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद कुछ मंदिरों में तो विस्थापितों ने शरण भी ले रखी थी।
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढांचे को नष्ट किए जाने की खबर मिलने के बाद पाकिस्तान के लाहौर में 8 दिसंबर 1992 को गुस्साई भीड़ ने जैन मंदिर ढहा दिया।
पाकिस्तान के जिन मंदिरों में लोग रह रहे थे, उन्होंने उस वक्त को याद करते हुए कहा कि जब भीड़ इन मंदिरों को नष्ट करने पहुंची, तो उनसे रहम की भीख मांगी गई और प्रार्थना की गई कि वो इन्हें छोड़ दें। क्योंकि यह मंदिर ही नहीं उनके घर हैं। इन पर हमला न किया जाए।
रावलपिंडी के कल्याण दास मंदिर के अधिकारी उस दौरान मंदिर बचाने में किसी तरह सफल रहे। भीड़ के हमले के बावजूद उन्होंने मंदिर को बचा लिया और आज यहां पर नेत्रहीन बच्चों के लिए एक सरकारी स्कूल संचालित हो रहा है।
muslim protesters destroy ancient Moti Lal Temple dedicated to Lord Krishna. Lahore. Hours after Babri demolition. December 7,1992.Via Getty pic.twitter.com/IhqvbISlsS
— True Indology (@TrueIndology) December 6, 2016
जबकि रावलपिंडी के ही कृष्ण मंदिर का शिखर उस दौरान तोड़ दिया गया। बावजूद इसके यहां पर पूजा-अर्चना का सिलसिला आज भी जारी है।
इन सबके बीच झेलम शहर का एक ऐसा मंदिर है, जिसे भीड़ नुकसान नहीं पहुंचा पाई। आसपास रहने वाले लोगों ने दावा किया कि जिसने भी इस मंदिर की ओर बुरी नजर उठाई उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
कभी मंदिर को नुकसान पहुंचाने वाले की मौत हो गई तो कभी वो घायल हो गया। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कुछ लोगों ने इसे नष्ट करने की कोशिश को लेकिन वो इसके ऊपर से गिर गए। इसके बाद कोई इसकी तरफ नहीं आया।
जिन मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया उनमें लाहौर स्थित अनारकली बाजार का बंसीधर मंदिर, शीतला देवी मंदिर भी शामिल है।
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