एक महत्वपूर्ण फैसले में मेघालय हाई कोर्ट ने कहा है कि किस समय है कि भारत को अब हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना होगा और साथ ही यह आदेश दिया है कि भारत के प्रधानमंत्री विदेश मंत्री नीति मंत्री सूचना एवं प्रसारण मंत्री एवं सभी संबंधित मंत्रालय को निर्देशित किया गया है कि दूसरे देशों से आने वाले नॉन मुस्लिम यानी कि गैर मुस्लिम हिंदू शेख ईसाई बौद्ध जैन धर्म के लोगों का भारत में उतना ही स्थान होगा जितना कि भारत में रहने वाले हिंदुओं का है सरकार को चाहिए कि वह दूसरे देश से देश से आने वाले सभी प्रकार के हिंदुओं एवं दूसरे धर्मों का लोगों का स्वागत कर वह अपने देश भारत में उनको नागरिकता प्रदान करें साथ ही यह सुनिश्चित करें कि उनके रोजगार खाने-पीने की व्यवस्था भी सरकार को उचित माध्यमों के द्वारा उनकी करनी होगी.
भारतीय इतिहास
हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि भारत सदियों से हिंदू राजाओं के द्वारा शासित किए जाने वाला देश रहा है उसके बाद में मुस्लिम आए और उन्होंने भारत देश पर राज्य किया उसके बाद में ब्रिटिश आए उन्होंने भी इस हिंदू देश पर राज्य किया बाद में अंग्रेजों से स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी गई जो भारतीयों ने जीती तथा अंग्रेजों को उनके देश जाने पर मजबूर किया गया.
नहीं है यह विरुद्ध मुस्लिम भाई-बहनों के
हाई कोर्ट की टिप्पणी करते हुए यह कहा है कि जय आदेश उनके विरुद्ध कतई नहीं है जो कि भारत में सदियों से रहते आ रहे हैं और मेरा मानना है कि दूसरे धर्मों के प्रति आदर्श प्रदर्शित करते हुए सभी धर्मों के लोग एक साथ भाई चारे के साथ रहेंगे यह बिल्कुल उसी तरह होगा जैसे कि एक लकड़ियों का गट्ठर होता है जिसमें कई प्रकार की लकड़ियां होती हैं या उस मां की तरह होता है जहां पर हजारों की संख्या में हजारों प्रकार के फूल रहते हैं लेकिन वह कहलाता एक भाग है इसी प्रकार हमारा देश भारत देश यह एक कई धर्मों से मिला हुआ है एक भाग है भारत का कानून है सभी धर्मों को छूट देता है कि वह देश के प्रत्येक कोने में जहां वह चाहे वहां रह सकते हैं रोजगार प्राप्त कर अपना जीवन यापन कर सकते हैं बिना किसी रोक टोक के यहां वहां आ जा सकते हैं
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