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भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर शुरू होने के बाद दोनों देशों के बीच राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। यह रास्ता खुलने पर पाकिस्तान ने विवादित स्थल गिलगित-बाल्टिस्तान पर कैबेनिट बैठक बुलाई। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पाकिस्तान औपराचिक तौर पर गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवां प्रांत घोषित करने की तैयारी में है।

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कमेटी बनाई

रिपोर्ट के अनुसार- पाकिस्तान सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान के लीगल स्टेटस की समीक्षा करने के लिए एक कमेटी बनाई है। माना जा रहा है कि लीगल स्टेटस की समीक्षा के बाद पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवा प्रांत बनाना चाहता है।

जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है

बता दें कि भारत के अनुसार- यह क्षेत्र जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है। नॉदर्न एरियाज के नाम से जाने जाने वाले जम्मू-कश्मीर के इसी हिस्से को पाकिस्तान अपना पांचवां प्रांत घोषित करने की योजना पर काम कर रहा है। हालांकि भारत की ओर से इसका कड़ा विरोध किया जा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार- पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस साकिब निसार की अगुवाई वाली सात जजों की बेंच ने अक्टूबर में सरकार को निर्देश दिया था कि वह पाकिस्तान के दूसरे प्रांतों के बराबर लाने के लिए इस क्षेत्र के लीगल स्टेटस की समीक्षा करें। जानकारों के अनुसार- पाकिस्तान की इमरान सरकार उसी निर्णय पर अमल कर रही है। इन्हीं निर्देशों के अनुसार ही सरकान न 10 सदस्यीय कमेटी बनाई है।

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आर्टिकल 370 का जिक्र किया

गौर हो, इस बेंच के एक सदस्य ने यह बात भी कही थी कि यदि भारत अपने संविधान के आर्टिकल 370 में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दे सकता है तो पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थाई प्रांतीय दर्जा क्यों नहीं दे सकता? कोर्ट ने यहां तक कहा था कि गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग भी पाकिस्तानी हैं। उन्हें सभी अधिकार मिलने चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी क्षेत्र को अस्थाई प्रांत का दर्जा देने के तरीके सुझाएगी। बता दें, यह क्षेत्र संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार विवादित है।



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