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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एक प्रमुख दैनिक अखबार ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दोनों देशों के बीच शांति बहाली में बाधा डालने का आरोप लगाया। गुरुवार छपी एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को थोड़ा रुककर यह सोचना चाहिए कि बार-बार इस्लामाबाद द्वारा की जा रही शांति की अपील को ठुकराकर नई दिल्ली आखिर क्या हासिल करना चाहती है।

गलतियां दोनों ओर से हुई है: इमरान खान

इस प्रमुख पाकिस्तानी अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा है, '(भारत के) प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार को ठहरकर इस बात पर विचार करना चाहिए कि शांति के लिए आगे बढ़े हाथ को झटक कर आखिर वे क्या हासिल करने की उम्मीद लगाए हुए हैं।' वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को करतारपुर गलियारे के शिलान्यास समारोह के अवसर पर यह कहते हुए भारत से संवाद स्थापित करने का प्रयास किया कि गलतियां दोनों ओर से हुई हैं और इससे सीख लेनी चाहिए। बता दें कि इस कार्यक्रम में इमरान खान के लंबे समय से मित्र रहे कांग्रेस पार्टी नेता और पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा भारतीय केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप पुरी ने शिरकत की।

सुषमा स्वराज के बयान पर भी कटाक्ष

इस अखबार की रिपोर्ट में कहा गया, 'दुख की बात है कि गलियार के उद्घाटन से बने मित्रता के माहौल को ध्वस्त करने में भारत ने देर नहीं की और एक बार फिर द्विपक्षीय वार्ता दोबारा जल्द शुरू होने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।' संपादकीय में आगे लिखा गया, 'सुषमा स्वराज की असाधारण टिप्पणियों ने इस बात पर किसी तरह के शक की गुंजाइश नहीं छोड़ी कि पाकिस्तान के प्रति नीति पर सत्तारूढ़ दल और सत्ता प्रतिष्ठान में 'हॉक्स' (कट्टरपंथियों) का कब्जा बना हुआ है। शायद, भारत की विदेश मंत्री नरोवल जिले के आनंदमय नजारे का प्रतिकार करना चाहती थीं, क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं करतीं तो यही दोनों देशों के समाचारों में प्रमुखता से जगह पा जाता।'

किसी भी सूरत में नहीं होगी वार्ता

मीडिया रिपोर्ट में लिखा गया, सुषमा स्वराज द्वारा द्विपक्षीय वार्ता खारिज करने का जो लहजा है, उससे भी पता चलता है कि किसी भी सूरत में वार्ता नहीं होगी। अखबार ने ये भी लिखा कि 'भारतीय कट्टरता और हिंसक मानसिकता से इस बात का भी खतरा है कि पाकिस्तान में भी 'हॉक्स' भारत को ऐसे ही जवाब देने के लिए माहौल बनाएं।' अखबार ने लिखा है कि ऐसा कोई भी संभाव्य परिदृश्य नहीं है जो यह बताता हो कि पाकिस्तान से बात नहीं करने से दोनों पक्षों के मुद्दे हल हो जाएंगे।

सुषमा स्वराज का बयान

दरअसल, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज करतारपुर गुरुद्वारे को भारत के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ने वाले करतारपुर गलियारे का विकास करने को लेकर आयोजित समारोह में शामिल नहीं हुई। स्वराज ने बुधवार को पाकिस्तान से किसी प्रकार की वार्ता को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा वार्ता और आतंक साथ-साथ नहीं चल सकते हैं।



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