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इस्लामाबाद। एक तरफ पाकिस्तान में चीनी दूतावास पर बम धमाके की खबर आई थी, तो वहीं दूसरी ओर एक अन्य धमाके में करीब 17 लोगों की जान गई है। दो धमाके से दहले पाकिस्तान के लिए ये शुक्रवार ब्लैक फ्राइडे से कम नहीं है। आपको बता दें कि पहले कराची में गोलीबारी और धमाके में दो पुलिसकर्मियों की मौत हुई। इसके बाद वहां के खैबर पख्तूनख्वा में एक ब्लास्ट हुआ, जिसमें लगभग 17 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने की जानकारी मिल रही है।

धमाके के कारणों पता नहीं चल पाया

मीडिया रिपोर्ट में घायलों में से कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक धमाका खैबर पख्तूनख्वा के हंगू इलाके में हुआ। फिलहाल धमाके के कारणों पता नहीं चल पाया है। घटनास्थल पर मौजूद रहे लोगों ने बताया कि धमाकों के बाद पूरे इलाके की सुरक्षाबलों ने घेराबंदी कर दी है। साथ ही उन्होंने अपना ऑपरेशन शुरू किया है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने इस संबंध में खबर लिखे जाने तक कोई बयान जारी नहीं किया है।

पाक के सबसे सुरक्षित इलाकों में से एक को बनाया निशाना

खैबर पख्तूनख्वा से पहले शुक्रवार की सुबह कराची स्थित चीनी दूतावास के पास भी एक बड़ा बम धमाका हुआ है। आपको बता दें कि ये इलाका पाक के सबसे सुरक्षित इलाकों में से एक है। कराची के क्लिफटॉन एरिया में हुए इस धमाके और गोलीबारी में दो पुलिस कर्मियों की मौत हुई है। पाक के स्थानीय मीडिया के मुताबिक इस घटना के पीछे करीब चार हमलावरों का हाथ है। इनमें से तीन मारे गिराए जा चुके हैं।

क्या ये है आतंकियों के साजिश का कारण?

यहां गौर करने वाली ये बात भी है कि इन धमाकों से एक दिन पहले ही भारत ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर योजना को मंजूरी दी थी। इसके बाद पाक सरकार ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए जल्द ही गुड न्यूज देने की बात कही थी। अब ऐसे में एक ही दिन बाद इस तरह के धमाके सवाल खड़ा करते हैं कि क्या आतंकियों ने इस परियोजना के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया है।



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