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लाहौर। पाकिस्तान के आर्थिक हालात इतने खराब हो चुके हैं कि पीएम की सुरक्षा में इस्तेमाल होने वाली लग्जरी कारों की भी बोली लगाई गई थी। सरकार को उम्मीद थी कि इससे उनके पास काफी पैसा आएगा,मगर इस नीलामी से सिर्फ 60 हजार डॉलर यानि 43 लाख 20 हजार रुपए ही एकत्र किए जा सके हैं। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इससे करीब 50 करोड़ रुपए मिल जाएंगे। बुलेट प्रूफ जीप और बड़ी लग्जरी कारों ने कई खरीदारों को आकर्षित तो किया लेकिन,सरकार को मनमुताबिक नतीजे नहीं मिले।
अब कर्ज़ के संकट से निकलने के लिए सरकार आगे और भी कई चीज़ों की नीलामियां करेगी। इस कोशिश के तहत मंत्रीमंडल के इस्तेमाल के लिए रखे गए चार हेलीकॉप्टर भी नीलाम होने वाले हैं। बोली लगाने वालों ने इनमें काफी दिलचस्पी दिखाई है। ये नीलामियां इस महीने के अंत में होगी। गौरतलब है कि पाकिस्तान पर करीब 30 हजार अरब रुपए का कर्ज है और उसे जल्द इसे चुकाना है। अमरीका के साथ चीन द्वारा दिए कर्ज के ब्याज को भी चुकाना उसके लिए कठिन होता जा रहा है।

भैंसों की नीलामी भी करेगी सरकार

चर्चा ये भी है कि सरकार प्रधानमंत्री आवास की आठ भैंसों को भी बेचेगी। लेकिन,सरकार की तरफ से अभी इस पर कुछ नहीं कहा गया है। इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के सहयोगी नइमुल हक़ ने भैंसों की नीलामी को लेकर एक ट्वीट करके सबको चौंका दिया था। उन्होंने लिखा था कि कारों की नीलामी के बाद आठ भैंसों की नीलामी भी की जाएगी जो प्रधानमंत्री आवास पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की खाना बनाने संबंधी जरूरतों के लिए रखी गई थीं। इमरान ख़ान इसी साल जुलाई में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने हैं। इसके बाद से उन्होंने किफ़ायत बरतने का अभियान चलाया है। हालांकि, अलोचकों का ये भी कहना है कि ये अभियान हकीकत से ज्यादा दिखावा है।

कारों पर उड़ा मजाक

नीलाम होने वाली कारों में दो सबसे मर्सडीज मेबैच एस-600एस महंगी कारें थीं जो साल 2016 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ श़रीफ़ के समय खरीदी गई थी। जब इन कारों के लिए 13 लाख डॉलर (प्रत्येक) की शुरुआती बोली रखी गई तो वहां बोली लगाने के लिए पहुंचे क़रीब 500 लोग हंसने लगे। इन दोनों कारों के लिए किसी ने बोली नहीं लगाई। इसके अलावा सात बीएमडब्ल्यू और 1993 की 14 मर्सडीज बेंज़ एस-300 भी नहीं बिकीं। नीलामी के लिए आई एक और महंगी कार थी टोयोटा 2015 बुलेट प्रूफ लैंड क्रूज़र जिसकी क़ीमत क़रीब 2.6 करोड़ पाकिस्तानी रुपये थी। कुछ कारें लग्ज़री कार नहीं बल्कि सामान्य कारें थीं और 80 के दशक में ली गई थीं। रावलपिंडी के अफ़जल ने दो कारें खरीदी. उनमें में से एक सबसे कम दाम में ख़रीदी गई है. इनमें से एक सुज़ुकी मेहरान कहलानी वाली 2005 की एक हैचबैक मॉडल है जिसे उन्होंने 2.95 लाख रुपये में खरीदा।



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