जो बाइडेन ने कहा - अमरीका के लिए एकजुट होने का समय, कमला हैरिस बोलीं - मैं पहली महिला जरूर हूं पर आखिरी नहीं - Silver Screen

जो बाइडेन ने कहा - अमरीका के लिए एकजुट होने का समय, कमला हैरिस बोलीं - मैं पहली महिला जरूर हूं पर आखिरी नहीं

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नई दिल्ली। अमरीका में राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेेकर भले ही विवाद जारी है लेकिन मतगणना के हिसाब से डेमोक्रैटिक पार्टी के प्रत्याशी जो बाइडेन राष्ट्रपति और कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीत चुकी हैं। बिडेन और हैरिस की जीत को कई कारणों से ऐतिहासिक माना जा रहा है। बिडेन इस पद को संभालने वाले सबसे उम्रदराज अमरीकी राष्ट्रपति हैं और दूसरे कैथोलिक व्यक्ति होंगे। वहीं हैरिस उपराष्ट्रपति के रूप में सेवा देने वाली पहली अश्वेत अमरीकी और एशियाई अमरीकी होंगी।

 राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद जो बाइडेन ने कहा कि यह मेरे लिए जिंदगी का सबसे बड़ा सम्मान है। उन्होंने सभी अमरीकियों से एकजुट रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अब असंतोष और बयानबाजी को पीछे छोड़ एक राष्ट्र के रूप में एक साथ आने का समय है। बाइडेन ने कहा कि यह अमरीकी के लिए एकजुट होने का समय है। अब हम एक साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे और अमरीका को और मजबूत बनाएंगे।

अब मैं सभी अमरीकियों का राष्ट्रपति बनूंगा

उन्होंने एक ट्विट में बताया कि हमारे लिए आगे का काम कठिन है। लेकिन मैं वादा करता हूं कि मैं सभी अमरीकियों का राष्ट्रपति बनूंगा। चाहे आपने मेरे लिए वोट किया हो या नहीं। मैं आप पर जो विश्वास रखता हूं, उसे बनाए रखूंगा।

लोकतंत्र की बड़ी जीत

वहीं उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनीं गई कमला हैरिस ने अपने भाषण की शुरुआत दिवंगत कांग्रेसी जॉन लेविस को याद करते हुए की। भारतीय मूल की अमरीकी कमला हैरिस ने कहा कि मैं इस दफ्तर की पहली महिला जरूर हूं पर आखिरी नहीं। भारत की बेटी कमला हैरिस ने अमरीकी उपराष्ट्रपति पद पर अपनी जीत को लोकतंत्र की बड़ी जीत करार दिया है।

अमरीका के लिए नए दिन की शुरुआत

जीत के बाद उन्होंने अमरीका के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम जॉर्जिया के बहुत आभारी हैं। उन्होंने कहा कि लोगों ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए वोट दिया है। अमरीका में नया इतिहास बन रहा है। यह जीत डेमोक्रैटिक पार्टी की कार्यकर्ताओं के चार साल की मेहनत का नतीजा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र शासन से नहीं काम से होता है। यह अमरीका के लिए एक नए दिन की शुरुआत है। लोकतंत्र बलिदान और संघर्ष से सुरक्षित रहता है। इस व्यवस्था में सभी की प्रगति व्यवस्था के केंद्र में होता है। ऐसा इसलिए कि इसमें एक बेहतर भविष्य बनाने की शक्ति होती है।



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