नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) से मुंबई में 26/11 ( Mumbai Attack) हमले के दोषी डेविड कोलमेन हेडली के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है। इसके साथ ही 2008 मुंबई हमले के मामले में हेडली के बयानों को गवाह के रूप में रखे जाने को कहा है। गौरतलब है कि डेविड हेडली डेनमार्क और भारत में आतंकी साजिश रचने को लेकर अमरीका में 35 वर्ष की सजा काट रहा है। बीते दिनों अमरीका ने भारत में उसके प्रत्यर्पण से इनकार कर दिया था।
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आज यानि मंगलवार को नई दिल्ली में होने वाली 2+2 बैठक में अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मुंबई हमलों के दोषी के खिलाफ पाक की कार्रवाई का मामला भी उठाया जाएगा। इसके साथ भारत पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को बंद करने की बात पर जोर देगा।
पूछताछ के लिए तैयार भारत
इस्लामाबाद को भारत सरकार इस मामले में पहले ही संदेश भेज चुकी है। इस संदेश में भारत ने कहा है कि वह टेलिकॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुंबई में गवाहों से पूछताछ को लेकर पाकिस्तान के न्यायिक आयोग की मेजबानी को तैयार है।
आतंकवाद में पाक की भूमिका से पर्दा उठेगा
भारत का मानना है कि इस मुकदमे से हेडली और आईएसआई के तार निकल कर सामने आएंगे। मुंबई हमले में पाक की साजिश का पर्दा फाश हो सकेगा। पाकिस्तान की भूमिका पूरी दुनिया में सामने आ सकेगी। इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी। इसमें छह अमरीकी भी मारे गए थे।
हेडली ने कबूला था अपना जुर्म
हेडली पहले ही यूएस और भारतीय एजेंसी के सामने ये मान चुका है कि उसने आईएसआई के इशारों पर इस हमले को अंजाम दिया था। यही नहीं हेडली ने यह भी बताया कि किस तरह से आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा इस खुफिया एजेंसी की शरण आतंक फैलाता है।
भारत में प्रत्यर्पित नहीं हो सका
अमरीका में दोषी ठहराए जाने के कारण हेडली का भारत या पाकिस्तान में प्रत्यर्पण नहीं हो सकेगा। वह मुंबई हमले में सरकार गवाह बनकर सामने आया है। इसके आधार पर उसे दोषी ठहराया गया है।
पाक के पास केस चलाने का विकल्प
भारत पाकिस्तान या फिर डेनमार्क को प्रत्यर्पित न किए जाने की शर्त को लेकर ही हेडली सरकारी गवाह बनने को राजी हुआ था। हालांकि यूएस अटॉर्नी कार्यालय के निर्देश के अनुसार, हेडली ने वर्चुअल तरीके या पत्र के जरिए किसी भी विदेशी न्यायिक कार्यवाही में सहयोग करने की सहमति दी थी। इससे पाक के पास हेडली के खिलाफ केस चलाने के विकल्प मौजूद है।
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