वाशिंगटन। चीन ने इस दशक में अपने परमाणु जखीरे में हथियारों को संभावित तौर पर दोगुना करने के साथ ऐसी बैलिस्टिक मिसाइलें तैयार करने की योजना बनाई है, जिनकी पहुंच अमरीका तक है। पेंटागन ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह दावा किया है।
रिपार्ट में दावा किया गया है कि ऐसा इजाफा करने के बावजूद भी चीन की परमाणु शक्ति अमरीका के मुकाबले काफी पीछे रहेगी। अमरीका के पास करीब 3800 परमाणु हथियार सक्रिय स्थिति में हैं। वहीं अन्य रिजर्व स्थिति में हैं। चीन के पास कोई परमाणु वायुसेना नहीं है लेकिन रिपोर्ट में कहा गया कि इस अंतर को एक परमाणु वायु-प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करके भरा जा सकता है।
अमरीकी प्रशासन ने चीन से आग्रह किया है कि वह रणनीतिक परमाणु हथियारों को सीमित करने के लिए समझौते करे। यह समझौता तीन-तरफा होगा। अमरीका के साथ इसमें रूस भी शामिल होगा। चीन ने इससे इनकार कर दिया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जहाज निर्माण, भूमि आधारित पारंपरिक बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों और एकीकृत वायु रक्षा प्रणालियों सहित "चीन ने पहले ही कई सैन्य आधुनिकीकरण क्षेत्रों में अमरीका के साथ-या इससे भी अधिक हासिल कर लिया है।" इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 130 से अधिक प्रमुख सतह लड़ाकू विमानों सहित, "350 सबसे बड़े जहाजों और पनडुब्बियों के साथ चीन दुनिया में सबसे बड़ी नौसेना को तैयार कर रहा है। इसकी तुलना में अमरीकी नौसेना का युद्ध बल 2020 की तुलना में लगभग 293 जहाज है।
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