सरकार की गलत नीतियों का परिणाम आम आदमी छात्रों महिलाओं और नौकरी पेशा करने वाले व्यक्तियों को आमतौर पर भुगतना ही पड़ता है आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी महिला की जिन्होंने हाल ही में अपने घर से कोरोला मैं हुई अकाल मृत्यु का दर्द मिला है.
अपनी परेशानी को अपने फेसबुक वॉल पर साझा किया गया है और यह महिला बिहार की रहने वाली हैं रिजवाना जी
मैं बिहार STET परिक्षा देने दिल्ली से बिहार जा रही हूं। सरकार अपनी लापरवाही के कारण ये परिक्षा दोबारा ले रही है।इतने नाजुक स्थिति में जहां कोरोना से अबतक दो मौतें मेरे घर में हो चुकी है। कहीं तीसरी मैं न हो जाऊं।मेरा hometown गया है और परिक्षा केंद्र पटना दे दिया है।मतलब परेशान करने का हर मुमकिन प्रयास किया जा रहा है। क्या करूं कुछ करने की चाह मुझे रोक नहीं पाती।
STET में मेरा 100+नम्बर आया था 150में। जहां 90 नम्बर में पास होना होता है। मैं टीचर से रिलेटेड CTET (central teacher eligibility test),BTET,UPTET , SUPER TET, qualified hu.. और अब यूट्यूब चैनल चलाती हूं। सोची थी टीचिंग से रिलेटेड विडियोज़ बनाऊंगी पर जब मुझे ही नहीं मिली नौकरी आजतक तो मैं दूसरों को क्यूं इस दल-दल में झोंकू। कितना मुश्किल होता है एक महिला को सरकारी नौकरी की तैयारी करना जब उसके कंधों पर शादी के बाद परिवार और बच्चे की जिम्मेदारियों को संभालते हुए अपने खुद के जूनून में जुटी रहना ताकि वह अपने आने वाली पीढ़ी को और भी सशक्त बना सके।
बिहार और केंद्र सरकार से गुजारिश है अपनी व्यवस्था को इतना मज़बूत रखें कि बार- बार परिक्षा लेने की नौबत ही ना आए।इस तरह से हमें आर्थिक और मानसिक रूप से कमजोर न करें।
पता नहीं इस बार की परिक्षा कहीं बिहार में चुनावी रणनीतियों के तहत तो नहीं खेला जा रहा।
अगर मैं एक टीचर बन गई तो अपने जैसी महिलाओं और युवाओं को टीचर बनने में हर मुमकिन कोशिश करूंगी। ये थी कुछ मन की भड़ास और अच्छा लगे तो like और Share करें अन्यथा कोई बात नहीं।
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