वॉशिंगटन। अश्वेत जार्ज फ्लयॉड (George Floyd) की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से पूरे अमरीका (America) में अभी भी प्रदर्शन का दौर जारी है। वाइट हाउस के बाहर भी प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा लगा है। अमरीकी प्रशासन ने इससे निपटने के नेशनल गार्ड की तैनाती की है, मगर ये नाकाफी साबित हो रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार वाइट हाउस प्रदर्शनों से निपटने के लिए दस हजार सक्रिया सेना बल का इस्तेमाल करना चाहता था। मगर सेना के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ के चेयरमैन जनरल मार्क मिली ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
सुरक्षा को लेकर अमरीका के 140 शहरों में विकट स्थिति है। यहां पर तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट की घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसे में वाइट हाउस ने सक्रिय सेना के जवानों की तैनाती का प्रस्ताव सामने रखा। अभी करीब पांच हजार नेशनल गार्ड के जवान अमरीका संवेदनशील जगहों पर तैनात हैं।
प्रदर्शनकारियों ने वाइट हाउस को घेरा
शनिवार को वाशिंगटन में वाइट हाउस के समक्ष तय कार्यक्रम के अनुसार काफी बड़ा प्रदर्शन हुआ। कुछ नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं का दावा था कि सोशल मीडिया के माध्यम से 10 लाख लोगों को इस प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया गया। प्रदर्शनकारियों के बड़े समूह यहां पर पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। बड़ी संख्या में नेशनल गार्ड के जवान प्रोटेक्टिव शील्ड के साथ मौके पर डटे हुए थे।
प्रमुख नेताओं से मुलाकात की
वाशिंगटन डीसी के पुलिस प्रमुख पीटर न्यूजहैम के अनुसार उन्हें विभिन्न स्रोतों से पता चला है कि रविवार को शहर में सबसे बड़ा आयोजन हो सकता है। फिलहाल शहर आने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया गया है। उधर, अमरीकी सेना के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ के चेयरमैन जनरल मार्क मिली ने शनिवार को निजी तौर पर संसद के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की। वह प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी से भी मिले।
न करें आंसू गैस का इस्तेमाल
डेनवर में संघीय जज ने सिटी पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस, प्लास्टिक गोली और फ्लैश ग्रेनेड जैसी चीजें के उपयोग न करने के आदेश दिए हैं। जज आर ब्रूक जैकसन ने अपने आदेश में कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शनकारियों को शांत कराने के लिए जिन चीजों का इस्तेमाल हो रहा है। वैसा दंगों के लिए होता है।
क्या है मामला
अश्वेत जार्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से पूरे अमरीका में प्रदर्शनों का दौर जारी है।
25 मई को पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने जार्ज को हिरासत में लेने के बाद करीब आठ मिनट तक उनकी गर्दन को अपने गुटनों से दबाए रखा। इसके कारण उसकी मौत हो गई। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इसके बाद से पूरा अमरीका में विरोध—प्रदर्शन जारी है।
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