Donald Trump ने WHO से सभी रिश्ते तोड़ने का किया ऐलान, कहा- चीन के नियंत्रण में संस्था - Silver Screen

Donald Trump ने WHO से सभी रिश्ते तोड़ने का किया ऐलान, कहा- चीन के नियंत्रण में संस्था

Share This

वाशिंगटन। कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण बड़े संकट से जूझ रहे अमरीका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से हटने का ऐलान कर दिया है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के अनुसार WHO पूरी तरह से चीन के नियंत्रण में है। ऐसे में WHO बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने में नाकाम साबित हुआ है। ट्रंप ने कहा कि अमरीका विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपने सारे रिश्ते तोड़ेगा।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार चीन WHO को एक साल में 40 मिलियन डॉलर देने के बावजूद अपने नियंत्रण में रखता है। वहीं अमरीका एक साल में WHO को करीब 450 मिलियन डॉलर का अनुदान देता रहा है। अमरीका ने इस दौरान WHO से जो सुधार की सिफारिश की थी उस पर अब तक अमल नहीं किया गया है। इसलिए अमरीका WHO से अपने संबंधों को खत्म करेगा।

अमरीका के WHO पर कई आरोप लगाए

बीते दिनों अमरीका ने WHO को चीन की कठपुतली बताया था। ट्रंप के आरोप है कि चीन के इशारों पर नाचने वाले WHO ने सही समय पर कोरोना वायरस की जानकारी विश्व को नहीं दी। इसके साथ उसने बीमारी की गंभीरता को भी छिपाया है। इसके कारण अमरीका सहित यूरोपीयन देशों में ये महामारी की तरह फैला। चीन में इस वायरस ने बीते साल दिसंबर में दस्तक दे दी थी। मगर WHO ने इस बीमारी से जनवरी अंत तक पूरी दुनिया को आगाह किया।

इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने WHO के निदेशक डॉ. माइकल जे रायन को एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने 30 दिन के भीतर संगठन में बड़े बदलाव करने को कहा था। इस पत्र में चेतावनी थी कि ऐसा न करने पर अमरीका अपनी राशि को हमेशा के लिए बंद कर देगा या संगठन से अलग होने का फैसल ले सकता है।

58 लाख से ज्यादा लोग पीड़ित

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया के अब तक 188 देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। इस महामारी से अब तक 5,878,701 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं 362,769 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। अमरीका में जहां पर 1,735,971 मामलों हैं। वहीं 102,323 लोगों की मौत हो चुकी है। एक लाख से अधिक लोगों की मौत के बावजूद यहां पर मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।

आर्थिक संकट से जूझ रहा WHO

अमरीकी फंडिंग रुकने से WHO आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उसका मौजूदा बजट 2.3 बिलियन डॉलर है, जो वैश्विक संस्था के हिसाब से काफी कम है। फंडिंग कम होने की वजह से WHO को बड़ी समस्य का सामना करना पड़ सकता है। अभी सिर्फ चीन ने ही उसे फंडिंग की है, जो अमरीका की फंडिंग का दसवां भाग है। इस दौरान अमरीका ने ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों ने भी WHO से बदलाव का आग्रह किया है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2zHiYqY

No comments: