बीजिंग। चीन में घातक कोरोना वायरस की वजह से अब तक तीन हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यहां पर 80 हजार लोग संक्रमित हैं। अब देश में आत्ममंथन कर इन गलतियों की समीक्षा कर रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार अपनी भूल को सुधारने में जुट गई है। यही वजह है कि कोरोना को लेकर सबसे पहले आगाह करने वाले वुहान के अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर ली वेनलियांग के परिजनों से माफी मांग ली गई है।
दिसंबर 2019 के आखिर में जब वुहान के अस्पताल में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। डाक्टर ने इस मामले में व्हिसलब्लोअर का काम किया था। वेनलियांग ने ही अपने सहकर्मियों और अन्य लोगों को चीनी सोशल मीडिया ऐप वीचैट जरिए इसकी सूचना दी थी। वेलियांग की कोरोना के चपेट में आने से फरवरी मेंं मौत हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी की अनुशासन मामलों की समिति के अनुसार वेनलियांग मामले में उनकी तरफ से बड़ी भूल हुई है। सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने बचाव में सारा दोष पुलिस पर मढ़ दिया है। डॉक्टर को धमकी देने वाले दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ अब अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, जब स्थानीय प्रशासन को डॉक्टर द्वारा दोस्तों को मैसेज भेजे जाने की सूचना मिली तो पुलिस को भेजकर उन्हें धमकी दिलवाई गई थी। उन्हें चेतावनी दी गई कि वे अफवाह न फैलाएं, वरना उनपर केस दर्ज किया जाएगा। हालांकि, वेनलियांग की आशंका सही निकली और आज पूरी दुनिया इस घातक कोरोना वायरस की चपेट में आ गया हैं।
वेनलियांग के बार—बार कहने को अनसुना किया गया और चीन ने समय रहते इसकी रोकथाम के प्रयास नहीं किए। कोरोना वायरस से खुद डॉक्टर की भी मौत हो गई। वेनलियांग की मौत के बाद चीन सरकार पर लोगों ने जमकर गुस्सा जाहिर किया था। लोगों को गुस्सा इस बात से भी है कि अगर चीन ने समय रहते डॉक्टर की बात मानी ली होती तो यह वायरस आज लोगोंं की जिंदगियां को तबाह नहीं कर रहा होता।
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