आसिया बीबी ने खोले पाकिस्तान जेल से जुड़े कई राज, कहा- अब कभी नहीं लौटूंगी अपने मुल्क - Silver Screen

आसिया बीबी ने खोले पाकिस्तान जेल से जुड़े कई राज, कहा- अब कभी नहीं लौटूंगी अपने मुल्क

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में ईश निंदा के आरोप में मौत की सजा का सामना कर चुकीं ईसाई महिला आसिया बीबी ( Asia Bibi blasphemy ) ने हाल ही में अपने मामले को लेकर कई हैरान कर देनेवाले खुलासे किए हैं। पाकिस्तान की जेल ( Pakistan Jail ) में बिताए गए भयानक दिनों के अनुभव उन्होंने खुद पर लिखी एक किताब के माध्यम से साझा किया। आसिया बीबी ने बताया है कि जेल में उनके साथ कैसा व्यवहार किया जाता था। इसके साथ ही आसिया बीबी ने यह भी बताया कि पाकिस्तान में किस धर्म के लोगों पर तलवार लटकती रहती है।

2018 में बरी हुई थीं आसिया बीबी

आसिया बीबी ने पाकिस्तान में ईसाई समुदाय की बुरी स्थिति का जिक्र करते हुए कहा है कि देश में ईसाई समुदाय के लोगों के सिर पर हर वक्त तलवार लटकी रहती है। आपको याद होगा कि आसिया बीबी को ईशनिंदा के आरोप में निचली अदालतों ने मौत की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया था और रिहा करने का आदेश दिया था। इस दौरान उन्होंने आठ साल जेल में बिताए थे। रिहा होने के बाद वह सुरक्षा कारणों से कनाडा चली गईं जहां वह किसी अज्ञात जगह पर रह रही हैं।

फ्रांसीसी पत्रकार ने लिखी है आसिया की किताब

अब 2020 में फ्रांसीसी पत्रकार एने-इसाबेल टोलेट ने उन पर फ्रेंच में 'एनफिन लिबरे' (फाइनली फ्री-अंतत: मुक्त) नाम की एक किताब लिखी है। हाल ही में इसका विमोचन हुआ। इसका अंग्रेजी संस्करण सितंबर में बाजार में आएगा। टोलेट अकेली पत्रकार हैं जो आसिया बीबी से कनाडा में मिल सकी हैं।

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जेल में होती थी ऐसी दुर्दशा

इस किताब में आसिया बीबी ने अपनी गिरफ्तारी, जेल की नारकीय स्थिति और नए देश में नए जीवन से संतुलन बनाने में आ रही दिक्कतों का जिक्र किया है। किताब में आसिया ने कहा है, 'आप पहले से ही मीडिया के माध्यम से मेरी कहानी जानते हैं। लेकिन, आप जेल में मेरे बिताए दिनों या मेरे नए जीवन के बारे में कुछ नहीं जानते।' उन्होंने कहा, 'मैं चरमपंथी उन्माद की बंदी हो गई थी। जेल की कोठरी में केवल आंसू ही मेरे साथी थे।' आसिया बीबी ने किताब में पाकिस्तान की जेल की तंग कोठरियों की दुर्दशा का वर्णन किया है जहां उन्हें जंजीरों में बांध कर रखा गया था और जहां साथी कैदी उन पर छींटाकशी करती थीं।

बेहद गंदे फर्श पर लोहे की जंजीर में बंद रहना पड़ता था

किताब में बताया गया है, 'मेरी कलाइयां जलती रहती थीं। सांस लेना मुश्किल होता था। मेरी गर्दन एक लोहे के कालर में बंधी रहती थी जिसके बड़े-बड़े नट को गार्ड टाइट करते रहते थे। बेहद गंदे फर्श पर लोहे की जंजीर पड़ी रहती थी। यह मेरी गर्दन को मेरे हाथ से बांधे रहती थी और जो मुझे चेन में बंधे एक 'कुत्ते' की तरह खींचती थी।'

कैदियों को प्यारी थी मौत

आसिया बीबी के हवाले से किताब में कहा गया है, 'मेरे अंदर एक भयावह खौफ मुझे अंधेरे में डुबो रहा था। एक ऐसा डर जो कभी भी मेरा साथ नहीं छोड़ सकेगा। मैं एक महिला कैदी की चीख से स्तब्ध रहती थी जो चिल्लाती थी, मौत। अन्य महिला कैदी उसका साथ 'फांसी-फांसी' कहकर देती थीं।'

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ईसाईयों के साथ हर तरह के उत्पीड़न

ईशनिंदा के आरोपों को सिरे से गलत बताने वाली आसिया बीबी ने किताब में कहा है कि मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में ईसाई अल्पसंख्यक आज भी उत्पीड़न के शिकार हैं। उन्होंने कहा, 'मेरी रिहाई के बाद भी, (ईसाइयों के लिए) माहौल सुधरा नहीं है और ईसाई हर तरह के उत्पीड़न के लिए तैयार रहते हैं। उनके सिर पर तलवार लटकती रहती है।'

कभी नहीं लौटूंगी पाकिस्तान

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उनका देश है, वह पाकिस्तान से प्यार करती हैं लेकिन उनका जीवन अब विदेश में ही बीतेगा। आसिया बीबी ने किताब में कहा है, 'इस अनजान देश (कनाडा) में मैं शायद एक नए जीवन के लिए तैयार हूं, लेकिन किस कीमत पर? मेरा दिल उस वक्त टूट गया था जब मुझे अपने पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को अलविदा कहे बिना चले आना पड़ा। पाकिस्तान मेरा देश है। मैं अपने देश से प्यार करती हूं लेकिन मैं हमेशा निर्वासन में रहूंगी।'



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