पेरिस। फ्रांस में पेंशन सुधारों की मांग को लेकर आम जनता सड़कों पर उतर आई है। इस देशव्यापी हड़ताल के कारण स्कूल और सरकारी कार्यालयों का ठप पड़ा हुआ है। गौरतलब है कि इस मांग को लेकर करीब 4.5 लाख कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हैं। पुलिस प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रही है।
राजधानी में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के बाद अब तक 87 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। फ्रांस के कर्मचारी पेंशन योजना में प्रस्तावित सुधारों से नाराज हैं। नए प्रस्तावों में सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने की योजना है। ऐसे में तय समय से पहले रिटायर होने वालों को कम भुगतान किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश के अधिकतर परिवहन कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से ट्रेनें और बसे रद्द हो चुकी हैं। पेरिस का मशहूर चौराहा प्लेस दि ला रिपबलिका और द् वाइड बॉलवर्ड दि मैजेंटा प्रदर्शनकारी बड़ी तादात में मौजूद हैं। रेनिस में प्रदर्शनकारियों ने दुकानों के शीशे तक तोड़ दिए, नानटेस में पुलिस ने आंसू गैस दागे और स्कफल्स में पुलिस और प्रदर्शनारियों के बीच जमकर झड़प हुई।
क्या चाहते है मैक्रों
राष्ट्रपति मैक्रों फ्रांस में एक ‘यूनिवर्सल प्वाइंट बेस्ड पेंशन प्रणाली’ शुरू करना चाहते हैं। सरकार इसे फ्रांस की मौजूदा पेंशन स्कीम की जगह लागू करने की तैयारी कर रही है। फिलहाल फ्रांस में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए 42 अलग-अलग पेंशन स्कीम चल रही हैं। इनमें सेवानिवृत्त की उम्र और लाभ अलग-अलग हैं।
एफिल टॉवर बंद रखा गया
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर विश्व प्रसिद्ध एफिल टॉवर बंद कर दिया गया। इसके अलावा अन्य पर्यटक स्थलों पर जनता के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
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