संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता जाहिर की है। उसने आंकड़े पेश कर कहा है कि 2010 इतिहास का सबसे गर्म दशक रहा है। वहीं 2019 को अब तक दर्ज तीन सबसे गर्म वर्षों में बताया है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) के अनुसार अभी तक इस वर्ष वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक औसत से 1.1 डिग्री सेल्सियस ऊपर है।
डब्ल्यूएमओ के अनुसार जीवाश्म ईंधन को जलाने, भवन निर्माणों, फसल उगाने और सामान की ढुलाई जैसे कार्यों से होने वाले उत्सर्जन के कारण 2019 वातावरण में कार्बन सघनता का रिकॉर्ड तोड़ने जा रहा है। इससे तापमान में काफी इजाफा होने वाला है। ग्रीनहाउस गैसों के कारण पैदा होने वाली गर्मी का 90 प्रतिशत अवशोषित करने वाले महासागरों का तापमान उच्चतम दर्ज स्तर पर है।
समुद्र अब 150 वर्ष पहले की तुलना में एक चौथाई अधिक अम्लीय हैं। इससे समुद्री वातावरण को खतरा रहता है। अक्टूबर में समुद्र का वैश्विक औसत स्तर अपने उच्चतम दर्ज स्तर पर पहुंच गया। 12 माह में ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर पिघल रही है। बीते चार दशकों में से प्रत्येक पिछले से अधिक गर्म रहा है। इस साल के अंत तक मौसम में बदलाव के चलते विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या 2.2 करोड़ पहुंच सकती है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2DF0nu6
No comments:
Post a Comment