बेरुत। आज के सोशल मीडिया वाले युग लोग एक बार को अपने दोस्तों से दूर तो रह सकते हैं, लेकिन फोन और इंटरनेट सबकी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा-सा बन गया है। इसी कारण लेबनान में आजकल हिंसा फैली हुई है। दरअसल, लेबनान सरकार ने वाट्स ऐप, फेसबुक मैसेंजर और एप्पल फेसटाइम जैसे एप के पर टैक्स लगाने की घोषणा की है। इन ऐप्स से किए जाने वाले कॉल पर टैक्स के ऐलान के बाद पूरे देश में जमकर प्रदर्शन हो रहा है।
करीब 14.50 रुपये का लगाया था टैक्स
प्रदर्शनकारियों के विरोध ने इतना हिंसक रूप ले लिया था कि, सरकार को उसके सामने झूकना ही पड़ा। सरकार ने टैक्स लगाने का फैसला वापस तो ले लिया, लेकिन प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से अभी तक झड़पें जारी है। आपको बता दें कि बीते गुरुवार को सरकार ने टैक्स की घोषणा की थी। इसमें कहा गया था कि इन ऐप से कॉलिंग की सेवाएं लेने वालों को हर दिन 0.20 डॉलर (करीब 14.50 भारतीय रुपये) के टैक्स का भुगतान करना होगा।
सरकार से इस्तीफे की मांग पर अड़े लोग
इस ऐलान के बाद ही पूरे देश में हंगामा मच गया, जिसके बाद कुछ घंटों के अंदर ही सरकार ने अपना फैसला वापस भी ले लिया। हालांकि, लोग अब भी नाराज है। लोगों में आर्थिक संकट से निपटने में सरकार के तरीकों को लेकर काफी गुस्सा है। टैक्स वापस लिए जाने के फैसले के बाद भी अब लोग सड़कों पर उतरकर प्रधानमंत्री से इस्तीफा देने की मांग कर कर रहे हैं। जगह-जगह पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर फूंके और अपना आक्रोश जाहिर किया। लोगों को उग्र होते देख पुलिस ने उनपर आंसू गैस के गोले दागे।
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सरकार के सहयोगी चार मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
वहीं, दूसरी तरफ लेबनान के प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी ने देश के मुश्किल दौर का हवाला देते हुए इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। लेकिन सरकार में शामिल एक पार्टी ने विरोध के तीसरे दिन इस्तीफा देने का फैसला किया है। पार्टी अध्यक्ष ने कहा है कि उन्हें अब यकीन हो चला है कि सरकार आर्थिक संकट से उबरने में असफल है। इसलिए अब वे सरकार के साथ नहीं हैं। आपको बता दें कि प्रदर्शन के बढ़ने के बाद सरकार के सहयोगी चार मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है।
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