इस्लामाबाद। भारत के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। करीब 17 महीने तालिबान आतंकियों की कैद में रहने के बाद अब तीन भारतीय इंजीनियर देश वापस लौट सकेंगे। 2018 से तालिबान की कैद में फंसे इन इंजीनियरों की रिहाई तालिबान और अमरीका के बीच हुई बातचीत का नतीजा है।
11 तालिबानी नेताओं के बदले रिहाई
दरअसल, हाल ही में इस्लामाबाद में तालिबान और अमरीकी प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक हुई, जिसमें तालिबान के हिरासत में कैद तीन भारतीय इंजीनियरों की रिहाई की भी बात हुई। अमरीका ने सुलह की बातचीत में प्रतिनिधि जाल्मे खलीलजाद के साथ कैदियों की अदला-बदली पर बात की। बैठक में इस बात पर सुलह हुई कि 11 तालिबानी नेताओं के बदले तीन भारतीय इंजीनियरों को रिहा किया जाएगा। आपको बता दें कि रिहा हुए तालिबानी नेताओं में शेख अब्दुल रहीम और मौलवी अब्दुर राशिद जैसे काफी महत्वपूर्ण नेता शामिल हैं।
अनजान जगह पर पूरी हुई अदला-बदली की कार्रवाई
एक सूत्र ने बताया कि अमरीका ने तालिबान से तीन भारतीय इंजीनियर समेत एक अमरीकी और एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक समेत करीब पांच विदेश कैदियों की रिहाई की शर्त रखी थी। जानकारी के मुताबिक, 6 अक्टूबर 2019 की सुबह एक अनजान जगह पर इन कैदियों की अदला-बदली की गई। हालांकि, अभी तक भारतीय कैदियों की रिहाई की पुष्टि सिर्फ अफगान तालिबान ने ही की है, जबकि अफगान सरकार ने इसपर को आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
अफगानिस्तान के अधिकारियों से साधा जा रहा है संपर्क
भारत का कहना है कि इस मामले में अफगानिस्तान के अधिकारियों के साथ संपर्क साधा जा रहा है। गौरतलब है कि मई 2018 में सात भारतीय इंजीनियरों का अपहरण कर लिया गया था। ये सभी अफगानिस्तान के उत्तरी बागलान प्रांत में एक पावर प्लांट में काम करते थे। इनमें से एक को मार्च में रिहा कर दिया गया था।
फिलहाल, रिहा हुए इंजीनियर अमरीकी सैनिक के हिरासत में रह सकते हैं। इसके बाद इन्हें अफगान सरकार को सौंप दिया जाएगा, जहां से ये वापस लौट सकते हैं।
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