इस्लामाबाद। लंदन में मंगलवार को पाकिस्तानी मूल के प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाया। हजारों की संख्या में पाकिस्तानी ब्रिटिश प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग के सामने कश्मीर की आजादी के लिए नारे लगाए और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 21 वीं सदी का हिटलर और आतंकवादी बताया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वह नरेंद्र मोदी को यह संदेश देना चाहते हैं कि आप कश्मीर के लोगों को चुप नहीं करा सकते हैं।
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It is unfortunate that London allows hooligans to use violence as a way to protest. This is the second time since 5th August that HCI has been targeted. How many more such attacks would it take for London’s Mayor and UK Police to wake up? This is unacceptable @MayorofLondon https://t.co/HZTWaYfC5a
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) September 4, 2019
प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग की इमरात को क्षति भी पहुंचाई। इमारत पर अंडे, टमाटर, जूते, पत्थर, स्मोक बम और बोतल फेंके गए। इसके कारण बिल्डिंग की कई खिड़कियों के शीशे चिटक गए। भारतीय उच्चायोग ने बिल्डिंग परिसर में हुए नुकसानों की तस्वीर ट्वीट की है।
ब्रिटिश पाकिस्तानी ने अपने इस विरोध प्रदर्शन को 'कश्मीर फ्रीडम मार्च' का नाम दिया। यह मार्च पार्लियामेंट स्क्वेयर से शुरू होकर भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग तक पहुंचा। मार्च का नेतृत्व यूके की लेबर पार्टी के कुछ सांसदों ने किया।
प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथ में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) का झंडा और प्लेकार्ड लिया था। इसपर लिखा था कि कश्मीर में गोलाबारी बंद करो और चिल्लाते हुए कह रहे थे कि उन्हें आजादी चाहिए। प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से ब्रिटिश पाकिस्तानी और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) मूल के ब्रिटिश नागरिक थे।पाकिस्तानी मूल के लंदन के मेयर सादिक खान ने इस घटना की जमकर आलोचना की है। खान ने ट्वीट कर कहा कि वह पूरी तरह से इसे अस्वीकार्य व्यवहार की निंदा करते हैं।
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