परिषद में सभापति ने कहा- ईकोग्रीन सभी 66 वार्डों में सफाई करे, नहीं तो ब्लैक लिस्टेड करो, कमिश्नर ने बढ़ाने के बजाए घटाए वार्ड - Silver Screen

परिषद में सभापति ने कहा- ईकोग्रीन सभी 66 वार्डों में सफाई करे, नहीं तो ब्लैक लिस्टेड करो, कमिश्नर ने बढ़ाने के बजाए घटाए वार्ड

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ग्वालियर. शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम कमिश्नर और परिषद आमने-सामने आ गए हैं। परिषद में सभापति ने कंपनी को एक माह के अंदर सभी 66 वार्डों में सफाई व्यवस्था संभालने के निर्देश दिए थे, ऐसा नहीं करने पर निगम कमिश्नर को निर्देश दिए थे कि वह कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई करें, लेकिन कमिश्नर संदीप माकिन ने न तो कंपनी को सभी 66 वार्डों की जिम्मेदारी सौंपी, न ही ब्लैक लिस्टेड करने के लिए कार्रवाई की, उल्टे 10 वार्ड घटाकर कंपनी को 42 वार्डों में ही सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंप दी है, इससे पहले कंपनी 52 वार्डों में सफाई कर रही थी। कंपनी को परिषद में दिए एक महीने के अल्टीमेटम में महज 6 दिन बचे हैं, जिस तरह से वार्ड घटाए हैं उससे साफ दिख रहा है कि अधिकारी कंपनी को बचा रहे हैं। सभापति भी परिषद में यह आरोप लगा चुके हैं कि अधिकारी कंपनी को बचाने में जुटे हैं।शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह लडखड़़ाई हुई है।

 

डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की जिम्मेदारी ईको ग्रीन कंपनी पर है। कंपनी को सभी 66 वार्डों में सफाई व्यवस्था का संचालन करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा था। अप्रेल में पीएस के निरीक्षण के समय जब उन्होंने यह देखा तो कंपनी को अल्टीमेटम देते हुए 31 मई तक व्यवस्थाएं सुधारने का समय दिया था। कंपनी ने कुछ व्यवस्थाएं तो सुधारीं, लेकिन सभी वार्डों तक नहीं पहुंच सकी। कंपनी द्वारा 52 वार्डों में सफाई व्यवस्था की जा रही है। इसके बावजूद शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है, जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं।

 

परिषद में सभी पार्षदों ने बिगड़ी सफाई व्यवस्था के लिए ईको ग्रीन को जिम्मेदार ठहराया। पार्षदों का कहना था कि कंपनी को सभी वार्डों में सफाई करनी है, वह अपने हिसाब से कैसे काम कर सकती है। इस पर 2 अगस्त को सभापति राकेश माहौर ने नगर निगम कमिश्नर को आदेश दिए थे कि कंपनी सभी 66 वार्डों में सफाई व्यवस्था करेगी। उन्होंने एक महीने के अंदर व्यवस्था करने के निर्देश दिए और ऐसा नहीं करने पर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए कहा था, कमिश्नर से इस पर अमल नहीं किया।

 

कंपनी के पास 42 वार्ड लायक ही संसाधन
कंपनी के पास जो संसाधन हैं उनके अनुसार वह 42 वार्डों में ही सफाई व्यवस्था कर सकती है, इसलिए कंपनी को इन वार्डों में पूरी व्यवस्था संभालने के लिए कहा है। जिससे निगम के जो संसाधन इन वार्डों में थे वह दूसरे वार्डों में लगाए जा सकें।
संदीप माकिन, निगमायुक्त



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