नई दिल्ली।जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का रूस ने भी समर्थन किया है। रूस के विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार ने जो भी परिवर्तन किए हैं, वह संविधान के ढांचे के तहत किया है। रूसी मंत्रालय का कहना है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के समान्य होने के समर्थक रहा है।
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Ministry of Foreign Affairs of Russia: We proceed from fact that the changes associated with the change in the status of the state of J&K and its division into two union territories are carried out within framework of the Constitution of the Republic of India. (2/3) https://t.co/NPbhnG1NtT
— ANI (@ANI) August 10, 2019
मतभेद जल्द खत्म हो जाएंगे
रूसी मंत्रालय का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों के बीच मतभेद जल्द खत्म हो जाएंगे। यह मसला राजनीतिक और राजनयिक स्तर पर हल हो सकता है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान भारत के फैसले से तिलमिलाया हुआ है। उसके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी बीते शुक्रवार को चीन पहुंचे और इस मुद्दे को उठाया। चीन ने जम्मू-कश्मीर के हालिया हालात पर चिंता व्यक्त की।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी पाकिस्तान के अनुरोध को खारिज कर दिया है। उसने शिमला समझौते के तहत समस्या को सुलझाने की सलाह दी है। उसने भी कश्मीर मसले को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला बताया है। इसमें तीसरा पक्ष हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
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पाकिस्तान को अमरीका से भी राहत नहीं मिली। यहां पर विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर पर अमरीकी नीति में कोई बदलाव नहीं है। वह प्रत्यक्ष तौर पर द्विपक्षीय वार्ता के लिए कहता है। अंत में चीन ने भी पाकिस्तान को इस मामले में समर्थन करने का आश्वासन दिया है। उसने कहा कि वह चाहता है कि कश्मीर मसले को यूएन के प्रस्ताव और शिमला समझौते के तहत सुलझाया जाए।
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