इस्लामाबाद। पाकिस्तान में लगातार एक के बाद एक ऐसी घटनाएं सामने आ रही है जिसको लेकर विरोधी दलों ने इमरान सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। पाकिस्तान में हमेशा से मीडिया पर सेंसरशिप को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते रहे हैं लेकिन अब नेताओं के साक्षात्कार और बाइट के प्रासरण पर रोक को लेकर हंगामा मचा है।
हाल ही ऐसे कई वाक्या सामने आया है। पाकिस्तान के मशहूर टीवी पत्रकार हामिद मीर ने विपक्षी दल के नेता आसिफ अली जरदारी का इंटरव्यू ले रहे थे। अभी साक्षात्कार शुरू ही हुआ था कि अचानक प्रसारण रोक दिया गया और तुरंत न्यूज बुलेटिन चलने लगा।
जबकि तकरीबन ठीक एक सप्ताह बाद पीएमल-एन नेता मरियम नवाज का इंटरव्यू भी बीच में ही रूकवा दिया गया और तुरंत बाद सत्ताधारी दल के एक नेता का पुराना साक्षात्कार प्रसारित कर दिया गया। हालांकि मरियम ने मोबाइल के जरिए इस साक्षात्कार को पूरा किया और मोबाइल ऐप पर इसे प्रसारित किया।
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एक के बाद एक इन दो मामलों में यह बहस शुरू हो गया कि क्या पाकिस्तान में अभिव्यक्ति की आजादी खत्म हो गई और मीडिया पर सेंसरशिप शुरू हो गया है। विरोधी दलों ने सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पर आरोप लगाया और इसे मीडिया पर 'अघोषित सेंसरशिप' का नाम दिया।
हामिद मीर ने अपना गुस्सा ट्विटर पर निकालते हुए इसके लिए सेंसरशिप को दोषी ठहराया लेकिन किसी का नाम नहीं लिया. उन्होंने लिखा, 'हम आज़ाद मुल्क में नहीं रहते।'
देश में हो रहे ऐसी घटनाओं को लेकर पाकिस्तान में बीते सप्ताह पत्रकारों ने देश के मुख्य शहरों के प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया और सरकार से मांग की कि प्रकाशन या प्रसारण पर लगी पाबंदियां हटाई जाएं।
Want to see what censorship looks like? Here it is!
— Maryam Nawaz sharif (@MaryamNSharif) July 8, 2019
It is the truth that is feared, not the lies. pic.twitter.com/hMsXRYbj8H
मीडिया हाऊस को मिल रही धमकियां
बता दें कि इमरान खान की सरकार ने विपक्ष के आरोपों से इनकार किया है और सरकार समर्थित लोगों का कहना है कि कुछ पत्रकार पक्षपाती तौर पर आरोप लगा रहे हैं। अभी हाल ही में अमरीका दौरे पर एक साक्षात्कार के दौरान इमरान खान ने पाकिस्तान में मीडिया सेंसरशिप के आरोपों को खारिज किया था। उन्होंने कहा था 'ये कहना मजाक है कि पाकिस्तानी प्रेस पर पाबंदियां हैं।’
पाकिस्तानी फौज भी मीडिया में सेंसरशिप की अपनी भूमिका से इनकार करती रही है। रिपोर्टर्स विद आउट बॉर्डर की प्रेस की आजादी वाले 180 देशों की सूची में पाकिस्तान का स्थान 142वां स्थान है।
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बता दें कि इन सबके बीच पत्रकारों व कुछ संपादकों ने आरोप लगाया है कि मीडिया हाऊस को धमकी दी जा रही है। फोन पर धमकियां दी जा रही है। विरोधी दलों के साक्षात्कार और बाइट पर पाबंदी लगाने के लिए कहा जाता है। ऐसा नहीं करने पर पाकिस्तानी फौज या इंटेलिजेंस सर्विसेज का कोई भी आदमी वहां पहुंच जाता है और धमकाता है।
यह भी कहा जाता है कि यदि ऐसा नहीं किया तो विज्ञापन बंद करने की धमकी देते हैं। विज्ञापन देने वाली एजेंसियों को कहा जाता है कि उन्हें विज्ञापन न दें।
हाल ही में मरियम नवाज ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट के जज यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि नवाज शरीफ को मुजरिम साबित करने के लिए उनपर दबाव बनाया गया था। हालांकि बाद में जज ने इस वीडियो से कांट-छांट करने का आरोप लगाया।
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