ग्वालियर। अधिकारियों द्वारा पौधरोपण के नाम पर कागजी खानापूर्ति किए जाने से बिगड़ रहे हालातों से न्यायालय भी चिंतित है। वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर प्रस्तुत जनहित याचिका में दिए गए आदेश का अधिकारियों द्वारा इसका पालन नहीं कराया जा रहा है। इसलिए उच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न मामलों में फैसलों के जरिए लोगों को जल संकट से बचाने और पर्यावरण की रक्षा का संदेश दिया जा रहा है। आरोपियों को जमानत देते समय कई मामलों में अस्पताल में मरीजों की सेवा करने के आदेश के बाद पेड़ लगाने व वाटर हार्वेस्टिंग कराने के आदेश दिए जा रहे हैं।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने हाल में बच्चे के अपहरण के आरोपी भानु प्रताप को 50 फलदार पेड़ लगाने, वाटर हार्वेस्टिंग कराने एवं न्यायालय में प्रतिदिन हाजिरी देने की शर्त पर जमानत पर रिहा किए जाने के आदेश दिए हैं। फैसले में न्यायालय ने कहा कि इस मामले की ट्रायल चलने तक ट्रायल कोर्ट का भी यह कर्तव्य है कि वह इसकी निगरानी करे। न्यायालय ने कहा पर्यावरण के बिगड़ते हालत के कारण मानव अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया है, इस कारण ऐसे मामलों में न्यायालय आदेश के पालन पर आंख बंद कर नहीं रह सकता है, न ही इसे हल्के तौर पर लिया जा सकता है। न्यायालय को हर तीन माह में इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। न्यायालय ने उम्मीद जताई है कि इस प्रकार के कार्य से लोग जल संरक्षण के बारे में विचार करेंगे और वाटर हार्वेस्टिंग करेंगे एवं अन्य लोगों को जागरूक करेंगे।
इस मामले में आरोपी की ओर से एडवोकेट बीके शर्मा ने जमानत आवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस मामले में फरियादी ने घटना का समर्थन ही नहीं किया है। आरोपी 19 साल का युवा है उसे एक बेहतर नागरिक बनने का एक मौका दिया जाए। आरोपी भानु प्रताप को चचोड़ा जिला गुना में पंजीबद्ध अपहरण के मामले में 18 जून 18 को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी का कहना है कि उसे इस मामले में झूंठा फंसाया है। शासन ने आरोपी के जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि भानु प्रताप ने सात लाख की फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण किया था, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जाए। न्यायालय ने प्रकरण के तथ्यों को देखते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा किए जाने के आदेश दिए हैं।
वृक्षारोण के साथ वृक्ष का पोषण भी जरूरी
न्यायालय ने आरोपी को आदेश दिए कि वह 50 फलदार पेड़ लगाएगा। इसके लिए ट्री गार्ड भी लगाने होंगे। आरोपी को केवल पेड़ लगाना ही नहीं होंगे, बल्कि उनकी देखभाल भी करनी होगी, जब तक वे 6-8 फीट के न हो जाएं। न्यायालय ने कहा कि वृक्षारोपण के साथ वृक्षापोषण भी आवश्यक है। पेड़ लगाने के संबंध में आरोपी को 20 दिन में फोटो सहित रिपोर्ट देनी होगी।
यह विचार का अंकुरण है
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि यह केवल पौधरोपण नहीं, बल्कि एक विचार का अंकुरण है। पानी भी दिन प्रतिदिन कम हो रहा है, ऐसे में आरोपी अपने निवास पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करेगा। उसे यह कार्य दो माह में करना होगा। इसके लिए संबंधित विभाग उसका सहयोग करेंगे।
एक दर्जन से अधिक मामलों में 25-25 पेड़ लगाने के आदेश
न्यायमूर्ति शील नागू ने एक दर्जन से अधिक मामलों में आरोपियों को 25-25 पेड़ लगाने की शर्त पर जमानत पर छोडऩे के आदेश दिए हैं। सभी मामलों में जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला वन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पर्यावरण के बिगड़ते हालात को देखते हुए न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का पालन कराकर अपनी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करें।
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