ग्वालियर। सावन का महीना शुरू हो चुका है और भगवान शिव के भक्त बाबा भोलेनाथ की भक्ती में डूबे हुए है। ऐसे में शिवपुरी जिले के दिनारा में एक ऐसा प्राचीन शिव मंदिर है, जिसका न केवल पुराणों के अनुसार विशेष महत्व है, बल्कि धर्मप्रेमी श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र है। यहां शिवजी के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। दिनारा के मध्य स्थित प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जगह श्री गुप्तेश्वर महादेव मंदिर की पहाडिय़ों की तलहटी में तालाब किनारे बने मंदिर को दूर से ही देखने मात्र से मन प्रसन्न हो जाता है।
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पुरानी मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि कपिल मुनि द्वारा यहां रोजाना शिवजी की उपासना की जाती थी। मान्यताओं के अनुसार कपिल मुनि दिनारा से 10 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत खमेरा की पहाडिय़ों पर बने गुरु महाराज के मंदिर पर निवास करते थे वहां से पहाड़ों के अन्दर बनी सुरंग से होते हुए शिव की आराधना के लिए गुप्तेश्वर महादेव मंदिर आते थे। वह सुरंग अभी भी मंदिर के अंदर मौजूद है।
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भरता है मेला
पुराणों के अनुसार कपिल मुनि के द्वारा भगवान राम के वंशज महाराज सगर के पुत्रों को श्राप दिया गया था जिनसे उनके सारे 1000 पुत्र भस्म हो गए थे। उनकी आत्माओं के उद्धार करने व श्राप से मुक्ति दिलाने (शांति प्रदान करने के लिए) बाद में भागीरथ द्वारा कठोर तपस्या कर मां गंगा को स्वर्ग से धरती पर लाने का कार्य किया गया था। श्री गुप्तेश्वर महादेव मंदिर आसपास के श्रदालुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र है। दिनारा का प्रसिध्द मेला भी श्री गुप्तेश्वर महादेव मेला के नाम से जाना जाता है।
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