ग्वालियर। शहर में जितने भी काम चल रहे हैं, उनकी वजह से सडक़ें उखड़ी पड़ी हैं, अगर समय पर काम पूरे नहीं हो सकते थे तो जरूरत से ज्यादा काम शुरू क्यों कराए गए? जितना काम कर सकते थे, उतना ही काम हाथ में लेना चाहिए। नहीं कर सकते थे तो सडक़ों को खोला ही क्यों था? सडक़ें धंसकने से आम जन परेशान हैं, जितने भी ठेकेदारों ने मानक का ध्यान नहीं रखा है और समय पर काम पूरा नहीं किया है, उन सभी के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जाए।
ये निर्देश कलेक्टर अनुराग चौधरी ने शहर विकास के लिए जारी कामों की समीक्षा करते हुए दिए। कलेक्टर ने कहा कि पानी और सीवर की लाइन के लिए जिन सडक़ों को खोदा गया है, उन सभी की मरम्मत का कार्य जल्द पूरा हो। पेयजल लाइन, पानी की टंकियां, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट आदि के निर्माण में हो रही लापरवाही पर प्रोजेक्ट आरई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। बैठक में निगमायुक्त संदीप माकिन, अपर कलेक्टर अनूप कुमार सिंह, एडीएम संदीप केरकेट्टा आदि अफसर मौजूद थे।
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सडक़ : जैसी पहले थीं, वैसी ही फिर बनें
अमृत योजना के तहत खोदी सडक़ों को 15 दिन में ठीक करने की बात निगमायुक्त ने कही। इस पर कलेक्टर ने कहा कि सडक़ें जैसी पहले थी, वैसी ही बननी चाहिए।
सहयोग: प्लास्टिक वेस्ट का करें उपयोग
कलेक्टर ने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग सडक़ निर्माण में हो रहा है, ग्वालियर में भी कचरे से निकलने वाले प्लास्टिक का उपयोग किया जाना चाहिए। स्वच्छता को प्रभावी रूप देने के लिए एमआईटीएस कॉलेज के छात्रों को सहयोगी बनाया जाए। हॉकर्स जोन पर डस्टबिन रखेंं।
टायलेट : महाराजबाड़ा में सुविधा बढ़ेगी
निगमायुक्त संदीप माकिन ने बताया कि 35 वार्डों से डोर टू डोर कचरा संग्रहण किया जा रहा है। सात कचरा ट्रांसफर स्टेशन संचालित हो रहे हैं। कचरा प्रोसेसिंग प्लांट पर हर दिन 350 टन कचरा पहुंच रहा है। स्मार्ट सिटी के तहत महाराजबाड़ा पर आधुनिक सुविधाओं वाले दो शौचालय भी बनाए जाएंगे।
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