
दतिया। शहर में बैसे तो कईशिवालय हैं और उनके साथ कोई न कोई जनश्रुति जुड़ी है लेकिन वार्डक्रमांक 18 के अंतर्गत आने वाला मुहल्ला शिवालय के नाम से ही पहचाना जाता है। यह मुहल्ला है पकौडिय़ा महादेव। पकौडिय़ा महादेव मंदिर शहर के प्रमुख शिवालयों में शामिल है। मुहल्ले की घनी आबादी के बीच स्थित यह मंदिर आस्था का केंद्र है। मंदिर में अक्सर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। बर्तमान में मंदिर के प्राचीन स्वरूप में बदलाव करते हुए भक्तों ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया है। पूरे सावन के महीने और प्रति सोमवार के अलावा महाशिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में काफी संख्या में महिला व पुरुष पहुंचते हैं।
इसलिए बाद में नाम बदल गया
साहित्यकार विनोद मिश्र के अनुसार पूर्वमें मंदिर के पास पाखर का बड़ा पेड़ था। इस बजह से पहले यह स्थान पखारिया वाले महादेव के नाम से जाना जाता था। धीरे - धीरे यह पखारिया महादेव से पकौडिय़ा महादेव कहलाने लगे। बर्तमान में मंदिर के आसपास का पूरा क्षेत्र ही पकौडिय़ा महादेव के नाम से जाना जाता है।
यह भी पढ़ें : सिद्धेश्वर मंदिर शिवपुरी , ओमकारेश्वर से लाया गया था मंदिर में स्थापित शिवलिंग
मनोकामना पूर्ण होने पर घंटी चढ़ाते हैं श्रद्धालु
ग्वालियर. कमलाराजा चिकित्सालय गेट के सामने स्थापति प्राचीन घंटेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास लगभग 100 वर्ष पूर्व पुराना है। पहले यह मंदिर छोटे स्वरूप में हुआ करता था। यहां इलाज कराने आने वाले जिन मरीजों की मनोकामना पूर्ण हो जाती थी वह यहां घंटी चढ़ा जाते थे, इसलिए घंटेश्वर महादेव नाम पड़ गया। बाद में मंदिर का निर्माण निर्माण किया गया। श्रावण मास में यहां अटेंडर और मरीज आकर पूजा अर्चना करते हैं।
यह भी पढ़ें : प्रदेश के इस मंदिर में जीवन भर अटूट रहती है शादी, ऐसा है मंदिर में चमत्कार
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2SMNzbL
No comments:
Post a Comment