दावोस। दावोस स्थित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में भाग लेने वाले पुरुषों ने एक अनोखी समस्या को सामने रखा है। वैश्विक आर्थिक मंदी, साइबर सुरक्षा के खतरों से अलग उन्होंने # मीटू अभियान के बाद उत्पन्न परेशानियों का उल्लेख किया है। उनका कहना है कि अब एक युवा महिला सहकर्मी के साथ टाइम बिताना कठिन हो गया है। अमरीका के एक वित्त कार्यकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह मुद्दा काफी संवेदनशील हो गया है।
नौ हजार वयस्कों पर सर्वे किया गया
अमरीका में हुए सर्वे के अनुसार पाया गया कि अब ज्यादातर कर्मचारी काम के दौरान महिला कर्मियों से दूर रहते हैं। इसने पुरुष और महिला कर्मचारियों के बीच दूरियों को बढ़ा दिया है। यौन उत्पीड़न और दुराचार के आरोपों के डर से पुरुष उनसे बचते दिखाई देते हैं। बीते साल फरवरी में हुए कार्यस्थल में # मीटू के प्रभावों पर लीन इन और सर्वेमोनकी द्वारा दो ऑनलाइन सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग आधे पुरुष प्रबंधक महिलाओं के साथ असहज महसूस कर रहे थे। अध्ययन में पाया गया कि छह पुरुष प्रबंधकों में से एक महिला को सलाह देना कठिन हो रहा है। यह सर्वे संयुक्त राज्य में कार्यरत लगभग नौ हजार वयस्कों पर किया गया था।
खुलकर बोलने पर चिंता व्यक्त की है
पैट मिलिगन, जो परामर्श फर्म मर्सर में महिला नेतृत्व पर शोध का नेतृत्व करते हैं और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को जेंडर और विविधता के मुद्दों पर सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि उनके कई ग्राहकों ने #मीटू के व्यापक प्रचार के बाद खुलकर बोलने पर चिंता व्यक्त की है। जब पुरुष अधिकारियों ने उसे बताया कि वे जानबूझकर महिलाओं से बचने पर विचार कर रहे हैं, तो वह उन्हें स्पष्ट रूप से कहती है कि यह गलत होगा। इससे भेदभाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
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