वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप से जुड़े मामले को लेकर शुक्रवार को रोजर स्टोन को गिरफ्तार कर लिया गया। वह अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते हैं। इस मामले में विशेष वकील रॉबर्ट म्यूलर जांच कर रहे हैं। रोजर पर आरोप है कि उन्होंने कांग्रेस में झूठ बोला और जांच में बाधा पहुंचाई है। विशेष वकील म्यूलर की महीनों की जांच के बाद स्टोन पर सात आरोप लगाए गए हैं। जांच रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के चुनाव प्रचार में सहयोगी रहे स्टोन को 2016 की गर्मियों में ही पता चल गया था कि ट्रंप के खिलाफ राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रही हिलेरी क्लिंटन के प्रचार अभियान से ईमेल चुराये गये थे और वे उसे जारी करवाना चाहते थे।
साठगांठ करने का आरोप नहीं लगाया गया
उन पर आरोप लगाया गया है कि ट्रंप के प्रचार अभियान में अज्ञात लोगों ने स्टोन से संपर्क कर पूछा था कि चुराये गए इन ईमेलों को कब जारी किया जाए। हालांकि,स्टोन पर विकीलीक्स और ईमेल को हैक वालों के साथ साठगांठ करने का आरोप नहीं लगे हैं। इसके बजाय उन पर विकीलिक्स रिलीज के संबंध में अपने बयानों में हेरफेर और गलत बयानी का आरोप लगाया गया है। स्टोन पर अमरीकी कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की खुफिया संबंधी समिति के सामने कथित गलतबयानी का आरोप है।
गवाह को धमकाने का आरोप
अभियोग में रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हिलेरी क्लिंटन को शिकस्त देने से हफ्तों पहले चुराये गए ईमेल को विकीलिक्स द्वारा जारी करने के बारे में स्टोन की बातचीत का पूरा ब्योरा है। म्यूलर के अनुसार क्लिंटन के चुनाव प्रचार अभियान के प्रमुख जॉन पोडेस्टा की इन ईमेल को रूस के खुफिया अधिकारियों ने हैक किया था। 66 वर्षीय स्टोन पर एक गवाह को भी धमकाने का आरोप है।
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