नई दिल्लीः चीन ने स्थानीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार करने के भारत के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि भारत ने व्यापार घाटे को कम करने के लिए चीन से अपनी-अपनी मुद्राओं में व्यापार करने का सुझाव दिया था। इस मुद्दे को लेकर भारत चीन सरकार से द्विपक्षीय करना चाह रहा था। अधिकारी ने कहा अक्टूबर में एक अंतर-मंत्रालयी बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। बैठक में, भारतीय रिजर्व बैंक और आर्थिक मामलों के विभाग को चीन के साथ अपनी-अपनी मुद्राओं में व्यापार की संभावनाओं पर विचार करने की बात कही गई थी।
भारत ने इन देशों को भी दिया है प्रस्ताव
भारत ने रूस, ईरान और वेनेज़ुएला समेत कुछ अन्य देशों के साथ राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार का प्रस्ताव भी दिया है। इन तीन देशों के साथ व्यापार घाटा भी है। व्यापार विशेषज्ञों ने कहा है कि घरेलू मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार भारत को केवल उन देशों के मामले में मदद करेगा जिनके साथ व्यापार संतुलन है। व्यापार असंतुलन उस देश के साथ नहीं होना चाहिए जिसके साथ हम रुपये में व्यापार करना चाहते हैं। इससे घाटे को कम करने में मदद नहीं मिलेगी।
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