लाहौर। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को अपने ‘गुगली’ वाले बयान का बचाव करते हुए कहा कि उनका इरादा सिखों की धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। उन्होंने कहा कि उनका बयान भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के दरम्यान एक तंज की तरह था जिसका गलत मतलब निकाल लिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बयान को सिख भावनाओं के साथ जोड़कर भ्रम फैलाया जा रहा है।
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बैकफुट पर आए कुरैशी
बता दें कि गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा था कि पीएम इमरान खान ने गुगली फेंकी थी, जिसमें भारत सरकार फंस गई। उन्होंने दावा किया था कि इमरान सरकार के इस कदम से भारत को मजबूर होकर अपने दो मंत्रियों को करतारपुर कॉरिडोर में हिस्सा लेने के लिए भेजना पड़ा। इस बयान पर काफी विवाद मचा। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को कुरैशी को जवाब देते हुए ट्वीट किया था कि विदेश मंत्री के बयान ने पाकिस्तान के चेहरे को बेनकाब कर दिया है। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान को सिख भावनाओं की कोई कद्र नहीं है। भारतीय विदेश मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा था, "पाकिस्तान के विदेश मंत्री महोदय, आपके गुगली वाले बयान से किसी और का नहीं बल्कि आपका ही असली चेहरा उजागर हो गया है। ये बताता है कि सिख भावनाओं के प्रति आपका कोई सम्मान नहीं है। आपकी रूचि केवल गुगली में है।
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बयान पर पाक विदेश मंत्री की सफाई
कुरैशी ने रविवार को ट्वीट किया, "मेरे बयान को सिख भावनाओं से जोड़कर जानबूझकर भ्रम फैलाया जा रहा है। मैंने जो कहा वह भारत सरकार को लेकर कहा था। हम सिख भावनाओं का सम्मान करते हैं और इसमें कोई भी विवाद या राजनीति नहीं होनी चाहिए।" बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बयान पर अपनी सफाई दे रहे थे। बता दें कि सुषमा स्वराज ने अपने ट्वीट में लिखा था कि भारत पाकिस्तान की गुगली में नहीं फंसेगा। श्रीमती स्वराज ने कहा था कि भारत के दो सिख मंत्री पवित्र गुरुद्वारे में अरदास करने के लिए करतारपुर साहिब गए थे, गुगली खेलने नहीं।
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